संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के होलकर स्टेडियम में 4 अक्टूबर को हुए टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका टी-20 मैच को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस सचिव राकेश यादव ने 13 अक्टूबर (गुरुवार) सुबह प्रेस कांफ्रेंस करते हुए एक बार फिर एमपीसीए पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। यादव ने कहा कि एमपीसीए में टिकटों की कालाबाजारी तीन लोगों ने मिलकर की, इसमें यहां के सीएओ रोहित पंडित और सदस्य प्रसून कनमडीकर (जो पूर्व सचिव मिलिंद कनमडीकर के बेटे हैं) के साथ ही इसमें www.insider.in वेबसाइट का एक कमर्शियल अधिकारी भी शामिल था। यादव ने इस मामले में एमपीसीए के पूर्व प्रेसीडेंट और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी घेरते हुए कहा कि सब कुछ जानने के बाद भी वह चुप्पी साधे हैं और टिकट माफियाओं का साथ दे रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी शिकायत भेजकर मामले की जांच करने की मांग की गई है।
इस तरह हुआ टिकटों का खेल
यादव ने कहा कि 21 सितंबर को रात 9.30 बजे से सुबह 6.30 बजे तक तीन लैपटॉप के साथ सारी रात एमपीसीए के ऑफिस में आनलाइन टिकिटों को लगभग आठ व्यक्तियों की फर्म से पैसा ट्रांसफर पेटीएम इंनसाइडर की वेबसाइट के माध्यम से 21 सितंबर की रात 12.45 बजे पांच-पांच मिनिट के अंतराल से किया गया। रात को ही सारे टिकिट आनलाइन बुकिंग की सारी प्रक्रिया पूर्ण की गई। रात को 3.30 बजे से 5 बजे के मध्य 19700 टिकिट ऑनलाइन करने के बाद टिकटों का ऑनलाइन पेमेंट कलेक्शन सुबह निर्धारित स्थान पर 7.30 बजे प्राप्त भी कर लिया गया।
इसके बाद दलालों से बिकवा दिए
टिकिट कालाबाजारियों तक पहुंचाकर मैच के दो दिन पहले इन आठ व्यक्तियों ने टिकिट बेचने अपने दलाल सारे म.प्र. में फैला दिए। टिकिट कालाबाजारी ऑनलाइन बुकिंग में आईडीबीआई बैंक के लगभग आठ एकाउन्टों का उपयोग पेमेन्ट ट्रांज़ेक्शंस में किया गया हैं। एमपीसीए का भी बैंक एकाउंट आईडीबीआई (IDBI) बैंक में हैं।
मैच की सुरक्षा को लेकर किया सबसे बड़ा घोटाला
टिकिटों की कालाबाजारी के बाद सबसे बड़ा घोटाला मैच की सिक्योरिटी को लेकर किया गया हैं। एमपीसीए के मुताबिक टी-20 मैच में डेढ़ हजार पुलिसकर्मियों के साथ 800 निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया हैं। एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित और करमडीकर ने डेढ़ हजार पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में लगे होने के बाद भी 800 सुरक्षा कर्मी बालाजी सिक्योरिटी से लिए बिना टेंडर ही बालाजी को मैच के लिए आठ सौ गार्ड लगाने का आदेश दे दिया। वहीं बालाजी ने मात्र 55 गार्ड ही लगाए। गार्ड भी उन्हें बनाया गया जो चौराहे पर बेलदारी एंव मजदूरी का कार्य करते है। बिना टेंडर एक गार्ड का तीन गुना भुगतान 1800/- के लगभग किया हैं।
डमी सीसीटीवी लगवाए गए
मैच के दौरान 260 के लगभग सीसीटीवी कैमरे होल्कर स्टेडियम में लगाए गए, लेकिन असल में मात्र 24 सीसीटीवी कैमरे ही चालू थे बाकी सारे डमी सीसीटीवी कैमरे लगाकर धोखा दिया गया। भुगतान 260 सीसीटीवी कैमरों का एमपीसीए करेगा ।
सिंधिया और एमपीसीए से किए पांच सवाल
- क्या एमपीसीए का टेंडर आर्थिक घोटाला सामने आने के बाद सिंधिया या एमपीसीए अध्यक्ष ने कार्यवाही क्यों नहीं की हैं.? टेंडर की कॉपी जारी कर बताएं क्यों शर्तों में रियायत दी गई।
एमपीसीए एफआईआर कराए
कांग्रेस सचिव ने मांग की है कि एमपीसीए सीएओ रोहित पंडित एंव अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर को तत्काल पद से हटाकर एफआइआर दर्ज कराए। सारे मामलो की शिकायत आर्थिक अपराध शाखा एवं लोकायुक्त सहित बीसीसीआई तथा अन्य जांच एजेंसी को सबूतों सहित की जा रही हैं।