संजय गुप्ता. INDORE. एमपीसीए के टिकट की कालाबाजारी को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। यादव का आरोप है कि टिकट बुकियों को एमपीसीए ने पर्दे के पीछे डील करते हुए 18 हजार टिकट बेच डाले। यह टिकट कुल आठ बुकियों को दिए गए। दो दिन पहले अपोलो टॉवर में विजयनगर पुलिस द्वारा जो कार्रवाई की गई, इसमें केवल दो दर्जन भर टिकट नकली मिलना बताया गया, जबकि असलियत में यह टिकट बुकी थी और इनके पास 1400 टिकट असली ही थे, जो एमपीसीए से डील के जरिए इन्हें मिले थे। बाद में दबाव के चलते यह टिकट फर्जी बताकर कुछ टिकट जब्ती दिखाकर मामूली केस दर्ज कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया। बदले में एमपीसीए ने सौ टिकट पुलिस अधिकारियों को फ्री में दे दिए।
यादव के ये आरोप
द सूत्र से चर्चा में यादव ने कहा कि ब्लैक में टिकट बेचने की यह पूरी डील थी। इसमें आठ बुकी को 18 हजार टिकट दिए गए। इसकी डील एक दिन पहले कर पूरी राशि एमपीसीए ने रख ली, जब विंडो खुली तो दो मिनट में इन आठ बुकी के पास 18 हजार टिकट चले गए और एमपीसीए के खाते में टिकट बिक्री की राशि आ गई। ऑनलाइन वास्तव में केवल दो हजार ही टिकट बेचे गए। डील यही है कि टिकट ब्लैक में बेचने पर जो राशि आएगी, उसका एक निश्चित प्रतिशत डील करन वाले एमपीसीए के पदाधिकारी के पास जाएगा।
खातों की जांच की जाए, पता चल जाएगा कैसे हुआ ट्रांजेक्शन
कांग्रेस सचिव ने इस पूरे मामले में एमपीसीए के खातों की जांच और ऑनलाइन टिकट बुक करने वाली एजेंसी की सायबर सेल से जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यह होगा तो दूध का दूध औऱ् पानी का पानी सामने आ जाएगा। पूरा खेल एमपीसीए में बैठे कुछ पदाधिकारी कर रहे हैं और टिकटों की कालाबाजारी से रुपए कूट रहे हैं।
दो दिन पहले यह पकड़े गए थे
दो दिन पहले प्रणय मालपानी और पुनीत तनेजा को विजयनगर पुलिस ने नकली टिकट के साथ पकड़ा था। इनके पास सात असली और दो दर्जन नकली टिकट मिले थे।
एमपीसीए के प्रेसीडेंट की चिट्ठी से खड़ा हो गया विवाद
दरअसल यह टिकट को लेकर विवाद एमपीसीए के प्रेसीडेंट अभिलाष खांडेकर की उस वायरल हुई चिट्ठी से हो गया जो उन्होंने सीधे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को लिखी है। इसमें नगर निगम द्वारा सोमवार शाम को एमपीसीए दफ्तर में आकर टैक्स की मांग करते हुए छापे मारने को गलत बताते हुए कहा है कि यह कुछ आईएएस को पास दिलाने के लिए की गई दबाव की कार्रवाई थी। इसके बाद से ही नगर निगम और एमपीसीए के बीच ठन गई है और बात उच्च स्तर तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा है कि मैच के एक ठीक दिन पहले नगर निगम की इस प्रकार की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। एमपीसीए सभी प्रकार के करों का भुगतना करता है यदि किसी प्रकार के बकाया भी थे तो पहले कम से कम दो नोटिस दिए जाने थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया सीधा निगम की टीम एमपीसीए के अकाउंट सेक्शन में पहुंच गई जो सरासर गलत है। उन्होंने निगम अधिकारी लता अग्रवाल को जमकर आड़े हाथों लिया। खांडेकर ने इस मामले में सीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की है। साथ ही यह पूरी कार्रवाई टिकटों को लेकर है। उन्होंने दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।