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भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Vidhan Sabha) का बजट सत्र (Budget Session) एक बार फिर हंगामें की भेंट चढ़ गया। निर्धारित समय 25 मार्च से 9 दिन पहले ही बजट सत्र 16 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। इधर बजट पर चर्चा के लिए कांग्रेस (Congress) ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कांग्रेस के दो विधायक आसंदी के सामने लेट गए। कुल मिलाकर बिना चर्चा के ही पौने तीन लाख करोड़ का बजट पास हो गया। प्रश्नोत्तर के बाद दोपहर 12 बजे से ही हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के बीच आधे घंटे में ही 57 मांगों और 4 विधि विधेयक कार्य को पास करा लिया गया। जबकि कार्यसूची के अनुसार इस पर चर्चा के लिए लिए करीब 24 घंट का समय निर्धारित किया गया था। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा बोले कि हमारे विधायक बजट के हर बिंदु पर चर्चा करने की तैयारी करके आए थे, लेकिन सोची समझी रणनीति के तहत सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के साथ मिलकर अध्यक्ष गिरीश गौतम (Girish Gautam) ने यह षडयंत्र रचा है, आज लोकतंत्र की हत्या हुई है। अध्यक्ष ने हमारे विधायकों की एक नहीं सुनी। जरूरत पड़ी तो हम स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। जो स्पीकर अपने सदस्यों के हितों की रक्षा नहीं कर सकता, ऐसे स्पीकर को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती। वहीं पीसी शर्मा ने कहा कि जब कार्यसूची में ध्यानाकर्षण ले आए थे तो कम से कम उस पर तो चर्चा करानी चाहिए थी।
नरोत्तम बोले- नेताप्रतिपक्ष की सहमति थी: सत्र समय से पहले खत्म होने को लेकर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नेताप्रतिपक्ष और डॉ. गोविंद सिंह से इस विषय पर चर्चा हुई और एक आम राय यह बनी कि बजट पास कराकर सत्र का समापन करना है। ये दो तीन दिन से प्रक्रिया चल रही थी, जिसके आधार पर प्रस्ताव रखा और उस आधार पर अध्यक्ष द्वारा बजट पास कराकर सत्र का समापन किया गया। जितने लोग विरोध कर रहे हैं, वह सीधे-सीधे कमलनाथ के नेतृत्व पर उंगली उठा रहे हैं।
जीतू पटवारी ने ये कहा: कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री द्वारा सदन में गलत बयान देना अपराध है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने चिट्ठी लिखकर सदन को एक सप्ताह के लिए और बढ़ाने की मांग की थी। पटवारी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन चलाने से मना किया हो। नेता प्रतिपक्ष की ताकत सदन होती है, वो हमेशा सदन चलाना चाहते हैं। शिवराज सिंह अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए बहाना बना रहे हैं और आरोप विपक्ष पर लगा रहे हैं।
अध्यक्ष ने जताई नाराजगी: विधायकों के पत्रों के जवाब नहीं आने पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई विधायक ऐसे हैं, जो मुझे बताते हैं कि चिट्ठी का जवाब नहीं आता। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।