Indore. मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद नगरीय निकाय चुनाव होने हैं। अब 25 मई को कांग्रेस ने इंदौर की हाईकोर्ट बेंच में नगर पालिका और नगर निगम में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC-ST) वार्डों के आरक्षण को लेकर याचिका दायर कर तुरंत सुनवाई की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना की गई है।
कोर्ट ने 15 दिन में चुनाव का नोटिफिकेशन देने को कहा था
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयेश गुरनानी और पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल के जरिए अवमानना याचिका दायर की। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर सु्प्रीम कोर्ट ने 10 मई 22 को चुनाव की नोटिफिकेशन 15 दिन में देने के आदेश दिए थे। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने के. कृष्णमूर्ति VS भारत सरकार के केस में में दिए गए निर्देशों मुताबिक आरक्षण देने और सभी लंबित याचिकाओं को प्रभाव शून्य मानते हुए चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने का जिक्र किया।
मप्र हाईकोर्ट ने भी 10 जनवरी 22 को जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की सिंगल बेंच ने भी जयेश गुरनानी और दिलीप कौशल की याचिका पर अंतिम निर्णय देते हुए इंदौर नगर निगम के 85 वार्डो के आरक्षण समेत प्रदेशभर के नगर निगमों के आरक्षण के नोटिफिकेशन को निरस्त किया था।
ओबीसी आरक्षण किया, SC-ST नहीं
वर्तमान में नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश पर इंदौर समेत पूरे प्रदेश के नगर निगमों के वार्डो का आरक्षण किया गया था। याचिकाकर्ता जयेश गुरनानी ने आरक्षण की प्रक्रिया के दौरान कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस प्रशासन को दिया गया था, जिसके बाद भी प्रशासन ने कोर्ट के आदेशों की अवमानना कर केवल OBC के वार्डो का आरक्षण किया, SC-ST वार्डो को पूर्ववत रखा गया।