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Jabalpur. सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच द्वारा नुपुर शर्मा के खिलाफ की गई सख्त टिप्पणी के खिलाफ 125 पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों ने न्यायपालिका के नाम हस्ताक्षरयुक्त खुला खत जारी किया था और टिप्पणी की निंदा की थी। उस मामले में दायर की गई अवमानना याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। लंबी जद्दोजहद के बाद याचिका को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने रजिस्टर्ड किया है। बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पार्दीवाला द्वारा नुपुर शर्मा के खिलाफ सख्त टिप्पणी की गई थी।
डेमोक्रेटिक लॉयर्स फोरम जबलपुर द्वारा अधिवक्ता रविंद्र कुमार गुप्ता और अध्यक्ष ओ पी यादव माध्यम से यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी। शुरूआत में इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा लिए जाने से इनकार कर दिया गया था। बाद में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के निर्देश पर रजिस्ट्री ने इस याचिका को रजिस्टर्ड किया है। जिसके उपरांत याचिकाकर्ता को अदालत से 1 माह का समय प्रदान किया गया है।
याचिका में भारत सरकार लॉ एंड जस्टिस मिनिस्ट्री को भी पक्षकार बनाया गया है साथ ही खुला खत लिखने वाले पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों को अदालत की अवमानना के चलते प्रत्येक से 10 लाख रुपए जुर्माना, एक दिन कोर्ट में खड़े रहने की सजा के साथ-साथ मीडिया और सोशल मीडिया को न्यायाधीशों के खिलाफ प्रकाशन करने संबंधी दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही इस याचिका में अवमानना याचिका संबंधी उस नियम को भी चैलेंज किया गया है जिसके तहत अवमानना याचिका दायर करने से पूर्व अटॉर्नी जनरल की अनुमति लेने का प्रावधान है।
जानिए याचिका में किस-किस को बनाया है पार्टी
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ खुला खत लिखने वाले 125 लोगों में कई बड़े नाम शामिल हैं, जिनमें भूतपूर्व न्याधिपतिगण -पी एन रवींद्रन, जस्टिस क्षितिज व्यास, जस्टिस एस एम सोनी, जस्टिस के श्रीधर राव, जस्टिस कामेश्वर नाथ, जस्टिस आर एस राठौर, जस्टिस प्रशांत अग्रवाल, जस्टिस एम एस पारिख, जस्टिस एस एन ढींगरा, जस्टिस डॉ जस्टिस बी शिवाशंकरा, जस्टिस आर के मर्थिया, जस्टिस एस एन श्रीवास्तव, जस्टिस सुनील हाली एवं आनंद बोस आईएएस,आर गोपालन आईएएस, एस कृष्ण कुमार आईएएस , राजीव अग्रवाल आईएएस , सुधीर कुमार आईपीएस, आर डी कपूर आईएएस, प्रवीण दीक्षित आईपीएस, निरंजन देसाई आई एफ एस, बालकृष्ण शेट्टी आई एफ एस, विद्यासागर वर्मा आईएफएस, अशोक सजनहार आईएफएस समेत लगभग 84 लोगों को व्यक्तिगत पार्टी बनाया गया है जिनके द्वारा उस पत्र में हस्ताक्षर किए गए थे ।