संजय गुप्ता, INDORE. कोरोना (Corona) की वजह से लगे लॉकडाउन (lockdown) के दौरान भी नगर निगम (municipal Corporation) के सहायक इंजीनियर (Assistant Engineer) की इतनी कमाई हो रही थी कि उसने एक नहीं दो-दो प्लॉट खरीद लिए। यहीं से वो लोकायुक्त इंदौर (Lokayukta Indore) की नजरों में आ गए। लोकायुक्त ने जांच के बाद सहायक इंजीनियर देवानंद पाटिल (Devanand Patil) पर आय से अधिक कमाई का केस दर्ज कर लिया है। देवानंद पाटिल वर्तमान में रीजनल पार्क के प्राभारी (in charge of the regional park) है। हालांकि लोकायुक्त ने उनके स्वास्थ्य कारणों के चलते घर में सर्च नहीं की है।
फ्लैट और खेत की जमीन भी है
लोकायुक्त डीएसपी आनंद यादव (Lokayukta DSP Anand Yadav) ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि उन्होंने विभाग को सूचना दिए बिना 3 फ्लैट, दो प्लॉट और खेती की जमीन ली है। धार कोठी क्षेत्र में दो मंजिला मकान भी बना रखा है जिसकी कीमत करीब 10 करोड़ बताई जा रही है। वहीं नौकरी के दौरान वेतन को देखें तो पाटिल के पास अभी तक शासन से कुल वेतन 95 लाख रुपए ही मिला है। जांच के दौरान कई बैंक खाते, एफडी, लॉकर की भी जानकारी विभाग को मिली है।
निगम के बेलदार भी हैं करोड़पति
निगम में पाटिल पहले व्यक्ति नहीं है, न ही शायद आखिरी, जिन पर जांच एजेंसियों ने भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई की है। चौथे दर्जे के कर्मचारी बेलदार असमल का केस तो जांच के बाद ईडी तक देख रही है। इसके साथ ही लासल की शुरुआत में निगम के बाबू विजय सक्सेना को भी पकड़ा गया था। उनकी अलमारी में रिश्वत के 10 लाख रुपए मिले थे। राजकुमार सालवी और मुकेश पांडे (Mukesh Pandey) के यहां भी आय से ज्यादा संपत्ति मिल चुकी है।