गौ टैक्स: मध्यप्रदेश में ‘गौमाता’ सेस लगाने की तैयारी, मुख्यमंत्री शिवराज ने दिए संकेत

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गौ टैक्स: मध्यप्रदेश में ‘गौमाता’ सेस लगाने की तैयारी, मुख्यमंत्री शिवराज ने दिए संकेत

भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) गायों के कल्याण के लिए धन जुटाने को ‘गौमाता’ (Gaumata Cess) सेस वसूलने की तैयारी कर रही है। CM शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने काफी समय से ऐसे संकेत दे रहे हैं। गुरुवार को मध्य प्रदेश गो-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड ( Madhya Pradesh Cow Husbandry and Livestock Promotion Board) की समीक्षा बैठक संपंन हुई है। जिसमें उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि गो-ग्रास के लिए टैक्स लगाने की योजना बनाएं। इसके साथ ही जन-भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाए। इस पैसे का इस्तेमाल गौशालाओं के उत्थान में किया जाएगा। गौ उत्पादों की अलग से मार्केटिंग हो। उन्होंने कहा कि अब सरकारी कार्यालयों में गौ-फिनायल का उपयोग किया जाए। साथ ही गौ-ग्रास के लिए टैक्स लगाने की योजना बनाएं। गौशालाओं के विकास के लिए जनभागीदारी को भी बढ़ावा दो।

गंगईवीर में गौ-वंश वन विहार

शिवराज ने कहा कि प्रदेश में गौ-वंश एवं नंदी की नस्ल सुधार के विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने ज्यादा दूध देने वाले गौ-वंश पर अनुसंधान करने के निर्देश दिए। शिवराज ने जबलपुर के गंगईवीर में गौ-वंश वन विहार की स्थापना करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगईवीर में पशुपालन विभाग की 530 एकड भूमि में क्रमबद्ध तरीके से दो हजार गौवंश को आश्रय दिया जा सकेगा।

सालरिया गौ-अभयारण्य को देंगे आदर्श रूप

शिवराज ने कहा कि आगर-मालवा के सालरिया गौ-अभयारण्य को देश के आदर्श के रूप में विकसित कर अखिल भारतीय स्तर पर सबसे अच्छा गौ-अभयारण्य बनाया जाए।  प्रदेश में गो-शालाओं के विकास के लिए स्वयंसेवी संगठनों को कार्य दिया जाए। अभयारण्य को विकसित करने के लिए राज्य के योग्य सामाजिक संगठन को जिम्मेदारी दी जाए। प्रदेश में अन्य जगह गौ-शालाओं के विकास के लिए स्वयंसेवी संगठनों को कार्य दिया जाए। उन्होंने अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गो-शालाओं को अनुदान देने तथा प्रदेश की 6 गो-शालाओं को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। स्वयंसेवी संगठन सेवाभाव रखकर गौ-शालाओं को अच्छी तरह विकसित कर सकते हैं। उन्होंने अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौ-शालाओं को अनुदान देने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश की 06 गौ-शालाओं को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।

मध्य प्रदेश में 2200 गौ-शालाएँ बनेंगी

मध्य प्रदेश में 2200 गो-शालाएं बनाई जाएंगी, यह फैसला बैठक में लिया गया है।  गौ-अभयारण्य को गौ-पर्यटन का केन्द्र बनाया जाएगा। इनके संचालन समाजसेवी संस्थाओं को सौंपा जाएगा। प्रदेश में बंद किए गए 08 गौ-सदन पुन: प्रारंभ किए जाएंगे। गो-अभयारण्य को गौ-पर्यटन का केन्द्र बनाया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने कार्य शुरू कर दिया है। प्रदेश में 20वीं पशु संगणना के अनुसार 01 करोड़ 87 लाख 50 हजार गौ-वंश हैं।

मध्यप्रदेश में नई गौ नीति बनायी जाएगी: शिवराज

इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, "मध्यप्रदेश में गौ-सेवा के लिए समेकित नीति बनाए जाने की शुरुआत की गई है। गौ-शालाओं का संचालन केवल सरकार अकेले करे इससे बेहतर है कि इसमें श्रद्धा, आस्था और समर्पण भाव रखने वाली विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में सभी संस्थाओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा एक वर्चुअल मीटिंग रखी जाएगी, ताकि सभी के सुझाव वृहद स्वरूप में प्राप्त हो सकें। इसी के आधार पर मध्यप्रदेश में नई गौ नीति बनायी जाएगी। 

SHIVRAJ SINGH CHOUHAN Government of Madhya Pradesh Gaumata Cess Madhya Pradesh Cow Husbandry and Livestock Promotion Board