Bhopal. मुलताई के बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में पदस्थ तत्कालीन प्रबंधक वीके ओझा को पुलिस ने 2013 में हुए करीब सवा करोड़ रूपए के गबन के मामले में गिरफ्तार किया है। वीके ओझा क्रिकेटर नमन ओझा के पिता है। पुलिस ने गबन के मामले में पहले ही अन्य आरोपियों को पकड़ लिया था लेकिन ओझा लंबे समय से फरार चल रहे थे। पुलिस ने ओझा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद कोर्ट ने पूछताछ के लिए विनय ओझा को एक दिन की रिमांड पर भेजा है।
फर्जी अकाउंट खोलकर गबन का मामला
साल 2013 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा जौलखेड़ा में पदस्थ बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम ने गबन की साजिश रची थी। रत्नम का ट्रांसफर होने के बाद इसी साल विनय ओझा ने एक अन्य लोगों के साथ मिलकर 34 फर्जी खाते खोले। फिर इन पर केसीसी का लोन ट्रांसफर कर करीब सवा करोड़ रुपए निकाल लिया। इस दौरान विनय ओझा बैक में शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ थे। सवा करोड़ रुपए की राशि को विनय ओझा, पूर्व प्रबंधक अभिषेक रत्नम, विनोद पवार, लेखापाल निलेश छलोत्रे और दीनानाथ राठौर ने आपस में बांट लिया। करीब एक साल बाद बैंक के नए शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने गड़बड़ी पकड़ी और गबन की शिकायत थाने में की। शिकायत में बताया फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि निकाली गई। आरोपियों ने मृतक के नाम पर खाता खोला और राशि निकाली। साथ ही दूसरे किसानों के नाम पर केसीसी बनाकर पैसा निकाला गया।
अन्य गिरफ्तार, केस दर्ज
पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर तत्कालीन प्रबंधक अभिषेक रत्नम, निलेश छलोत्रे और अन्य को गिरफ्तार कर लिया। विनय ओझा केस दर्ज होने के बाद से फरार चल रहे थे, जिन्हें पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उनको कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने विनय ओझा को एक दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया।