Jabalpur. जबलपुर के खमरिया क्षेत्र में परियट नदी से लगे इलाकों में मगरमच्छों की आवाजाही लोगों में दहशत का मौहाल बना रही है। बीते दिनों रिठौरी गांव की गौशाला में बसेरा बना चुके मगरमच्छ के परिवार से लोगों ने बड़ी मुश्किल से पीछा छुड़ाया था तो अब घाना गांव में मगरमच्छ के बच्चे मिलने से लोगों में दहशत व्याप्त है।
प्रजनन काल में करते हैं बस्तियों का रुख
परियट क्षेत्र में फगुआ नाला और परियट नदी मगरमच्छों का प्राकृतिक आवास है। यहां बरसात के सीजन में प्रजनन काल के दौरान मगरमच्छ बस्तियों का रुख करते हैं। तेज बारिश के दौरान नदी के तटबंध तोड़ने के कारण भी कई मगर छोटे तालाबों तक पहुंच जाते हैं। हालांकि इतने सालों में अब तक मगरमच्छों के कारण कोई अनहोनी तो नहीं हुई फिर भी भारी-भरकम मगरमच्छों से लोगों का डरना स्वाभाविक है।
ग्रामीणों की मदद से किया गया रेस्क्यू
घाना में मगरमच्छ के बच्चे मिलने के बाद ग्रामीणों ने वन्यप्राणी विशेषज्ञ शंकरेंदु नाथ के सहयोग से मगर के बच्चों को पकड़कर परियट नदी में छोड़ दिया।
क्रोकोडाइल सेंचुरी बनाने की हैं अच्छी संभावनाएं
मगरमच्छों का इतना बड़ा प्राकृतिक आवास होने की वजह से इलाके में क्रोकोडाइल सेंचुरी बनाने की अपार संभावनाएं हैं। कई बार इस मुद्दे को उठाया भी जा चुका है लेकिन हर बार नतीजा ढाक के तीन पात वाला ही रहा है।