Bhopal. दैनिक भास्कर डीबी कॉर्प के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट में शुमार छत्तीसगढ़ स्थित डीबी थर्मल पॉवर प्लांट अब गौतम अडानी के अडानी ग्रुप की संपत्ति हो गया है। अडानी ग्रुप ने भास्कर के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को शुक्रवार को खरीद लिया है। इसके तहत जांजगीर जिले में भास्कर ने सात साल पहले अपना यह प्रोजेक्ट शुरू किया था। अडानी ग्रुप ने 7017 में यह पूरा प्लांट खरीद लिया है। अगले दो महीने में अधिग्रहण की कार्रवाई पूर्ण कर अडानी ग्रुप इसे पूरी तरह अपने कब्जे में ले लेगा। इसके बाद डीबी कॉर्प का कोई हस्तक्षेप नहीं बचेगा।
जानकारी के अनुसार डीबी कॉर्प और अडानी समूह के बीच फाइनल बातचीत के बाद शुक्रवार को डीबी पॉवर की डील पर साइन हो गए हैं। दोनों ओर से साइन किए गए एमओयू के तहत यह डील 7017 करोड़ रुपए की है। इस समझौते के शुक्रवार 19 अगस्त सेे 600 मेगावॉट के दो थर्मल पावर प्लांट डीबी पावर की जगह अब अडानी ग्रुप के हिस्से हो गए हैं। इसके साथ ही पॉवर सेक्टर में अडानी की क्षमता और बढ़ गई है। जांजगीर जिले में चंपा के पास बददर्हा में संचालित इस पॉवर प्लांट के अधिग्रहण से अडानी ग्रुप को छत्तीसगढ़ में थर्मल पावर सेक्टर में अपने कारोबार का विस्तार करने में मदद मिलना तय माना जा रहा है।
सात साल पहले शुरू किया था डीबी पॉवर प्लांट
दैनिक भास्कर ग्रुप डीबी कॉर्प ने 2006 में छत्तीसगढ़ में डीबी पॉवर प्लांट की शुरूआत की थी। हालांकि इस मेगा पॉवर प्लांट वर्ष 2015 में काम शुरू किया था। डीबी पॉवर के अपनी क्षमता के 923.5 मेगावाट के लिए लंबी और मध्यम अवधि के बिजली खरीद समझौते हैं। साथ ही कोल इंडिया लिमिटेड के साथ भी इसका फ्यूल सप्लाई को लेकर भी समझौता है। कंपनी अपने प्लांट्स को मुनाफे के साथ चला रही थी। इसके संचालकों में सुधीर अग्रवाल, गिरीश अग्रवाल और पवन अग्रवाल प्रमुख हैं। बीते तीन वित्तीय वर्षों में डीबी पॉवर प्लांट का टर्नओवर क्रमशः वित्तीय वर्ष 2022 में 3,488 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2021 में 2930 करोड़ रुपए और वर्ष 2020 में 3,126 करोड़ रूपए रहा है। कंपनी थर्मल पावर उत्पादन वाले स्टेशनों की स्थापना, संचालन और रखरखाव के कारोबार में है। कोल आधारित यह पॉवर प्लांट बिजली वितरण कंपनियों के अलावा निजी क्षेत्र की औ़द्योगिक कंपनियों को भी बिजली बेचता है। इनमें एलएंडटी सीमेंट कंपनी प्रमुख है।
ये हैं डील की खास बातें
देश के नामचीन उद्योग घराने अडानी समूह की कंपनी अडानी पावर ने छत्तीसगढ़ के डीबी पावर के अधिग्रहण का ऐलान किया। इस पर कार्रवाई करते हुए कुल 7017 करोड़ रुपये की यह डील की गई है। दोनों कंपनियों के बीच एमओयू की शुरुआती अवधि 31 अक्टूबर 2022 तक होगी। यानी अडानी गु्रप 31 अक्टूबर तक इस प्लांट पर पूरी तरह से कब्जा कर लेगा। जरूरत पड़ने पर आपसी सहमति से इस अवधि को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। एमओयू के बाद डीबपी प्लांट पर अपना कब्जा दिखाते हुए अडानी ग्रुप ने स्पष्ट किया है कि अधिग्रहण से कंपनी को छत्तीसगढ़ राज्य में थर्मल पावर का विस्तार करने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से मंजूरी मिलना फिलहाल बाकी है।
अडानी के हाथ में आते ही शेयर ने मारी उछाल
डील होने के बाद अडानी ग्रुप का हिस्सा बनते ही डीबी पॉवर प्लांट के शेयर की वेल्यू ने अच्छी खासी छलांग मारी है। अडानी ग्रुप को भी अच्छी खासी ग्रोथ मिली है। डीबी पॉवर के प्लांट के शेयर में 17 प्रतिशत की उछाल महज तीन दिन में ही अडानी गु्रप को मिली है। जो शेयर डीबी कॉर्प के पास रहते हुए महज 95 रुपए 45 पैसे का था, वह सोमवार को सुबह 109 रुपए 80 पैसे से ट्रेंड होकर शाम को 112 रुपए 5 पैसे तक पहुंच गया। यह पिछले 52 सप्ताह में डीबी पॉवर प्लांट के शेयर की सर्वाधिक वेल्यू है। वहीं इस कंपनी के अधिग्रहण के साथ ही अडानी पॉवर के शेयरों ने पिछले एक साल में 485.80 खासा रिटर्न दिया है। कंपनी के शेयर सालभर में 73 रुपये से बढ़कर 431 रुपये के पार पहुंच गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कंपनी के शेयर 325.62 प्रतिशत का तगड़ा रिटर्न दिया है। पिछले एक महीने में अडानी के शेयर ने 48.01 प्रतिशत और पिछले पांच दिनों में 21 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। इस साल की शुरुआत से अडानी पॉवर के शेयर ने अपने निवेशकों को 305.38 फीसदी का छप्परफाड़ मुनाफा पहुंचाया है।