Bhopal. दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) ने मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPDC) के सहयोग से भोपाल के रविन्द्र भवन में मध्यभारत का पहला बड़े पैमाने का एससी-एसटी बिजनेस कॉन्क्लेव का आयोजन किया। कॉन्क्लेव में देशभर के 2,000 से अधिक एससी-एसटी व्यवसायी, उद्यमी और स्टार्टअप ने भाग लिया। आयोजन में विशेषज्ञ, सीआईआई और फिक्की से जुड़े बड़े उद्योगपतियों ने एससी-एसटी व्यवसायियों और उद्यमियों से बातचीत की। कॉन्क्लेव का उद्देश्य राज्य में एससी-एसटी उद्यमियों और युवाओं को उद्यमिता को आगे बढ़ाने की सुविधा प्रदान करना है। राज्य की एमएसएमई और स्टार्टअप नीति, स्वरोजगार योजनाएं, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, डेयरी और पशुधन प्रबंधन, निर्यात के अवसर पर चर्चा हुई। स्टार्टअप कैसे शुरू करें, फंडिंग कहां से आएगी..जैसी तमाम जानकारी दी गई।
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग तैराक खिलाड़ी और अदा मिस इंडिया भी कॉन्क्लेव में शामिल
एससी-एसटी बिजनेस कॉन्क्लेव में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग तैराक खिलाड़ी और विक्रम अर्वाडी सत्येंद्र सिंह लौहिया भी शामिल हुए। द सूत्र से खास बातचीत में लौहिया ने कहा कि यह बिजनेस कॉन्क्लेव एससी-एसटी वर्ग के उन युवाओं के लिए एक बेहतर अवसर है जो अब तक सिर्फ नौकरी के पीछे दौड़ रहे थे, लेकिन अब अपना खुद का बिजनेस या स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। इससे नेगेटिव चीजें दूर होगी और एमपी में एक नया नवजागरण होगा। छत्तीसगढ़ भिलाई से आई अदा मिस इंडिया और मिस स्टील सिटी विनर रही दीपा मेसराम ने कहा कि यहां आकर उन्हें बहुत सारा नॉलेज मिला। एससी-एसटी वर्ग के युवा कैसे आगे बढ़ सकते हैं...इसकी जानकारी दी गई।
2003 के बाद से उद्यमों में घटी प्राथमिकता
दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) के प्रवीण गोलपरे ने कहा कि प्रदेश में उद्योग को लेकर जो माहौल मिलना था उतना तो नहीं मिला। द सूत्र से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि 2003 से पहले तक दलित या एससी—एसटी वर्ग को 4 से 5 प्रतिशत उद्योग या गर्वमेंट सप्लाई में आरक्षण था जो बाद में नई—नई नीतियों के कारण खत्म होता गया। दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) दलितों के उत्थान के लिए काम कर रही है। हमारी तो सरकार से यही मांग रहेगी कि इस वर्ग की जो प्राथमिकता घटी है, वह दोबारा मिले और सरकार इसमें सहयोग करे।