GUNA. सरकार के लाख दावे के साथ प्रशासन और नेता-राजनेता भले ही दलित और आदिवासियों के संरक्षण की बात करें, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है। वास्तविक स्थिति की बात करें तो दलित, आदिवासी महिला-पुरुषों पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं और वे शोषण, मारपीट और खूनखराबा के माहौल से दयनीय स्थिति में गुजर बसर कर रहे हैं। उनकी ऐसी स्थिति में शासन-प्रशासन के दावे सिर्फ खोखले साबित हो रहे हैं जिनकी कार्रवाई सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं।
3 बार बेरहमी से की मारपीट
धरनावदा थाना क्षेत्र के ग्राम मुरादपुर चक में दबंग यादवों ने अहिरवार परिवार के साथ दो साल के अंतर में तीन-तीन बार बेरहमी से मारपीट कर खून-खराबा किया है। वहीं बड़ी मशक्कत से पुलिस के चक्कर लगा-लगाकर तीनों बार हुई मारपीट में एफआईआर भी हुई, लेकिन दबंगों के हौंसले आज भी बुलंद बने हुए हैं। वे आए दिन पीड़ित परिवार से मारपीट, गाली-गलौज करने के साथ ही जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
जमीन-जायदाद हड़पने की नीयत से हमला
ग्राम मुरादपुर चक में ज्यादातर अहिरवार परिवार निवास करते हैं। यहां पास के ही गांव बरोदिया के यादव लोग एससी-एसटी के लोगों से जमीन-जायदाद हड़पने की नीयत से हमला करवाते रहते हैं। ऐसा ही हुछ इस अहिरवार परिवार के साथ हुआ। जिनकी स्वामित्व और आधिपत्य की कृषि भूमि पर आरोपीगण निवासी बरोदिया कला महेश यादव, राजाराम यादव, सुरेश यादव, बृज यादव, हरवीर यादव, शिवम यादव आदि अन्य साथियों ने मिलकर फरियादी जगदीश पुत्र हल्कूराम अहिरवार, पिता हल्कूराम, मां सुगनबाई, भाई शिवराज अहिरवार के साथ बेरहमी से मारपीट की और जान से मारने की कोशिश की गई।
आरोपियों को पुलिस का खौफ नहीं
घटना के बाद भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और वे आए दिन मारपीट और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्हें पुलिस का नाममात्र भी खौफ नहीं है। इससे अहिरवार परिवार का जीना मुश्किल हो गया है। दबंगों के आतंक से पीड़ित परिवार भयभीत है और उन्हें रात-दिन डर सता रहा है कि कहीं उनके साथ कोई गंभीर और अनहोनी घटना न घट जाए। क्योंकि हाल ही में बमोरी क्षेत्र के ग्राम धनोरिया में दबंगों ने ही एक आदिवासी जनजाति समुदाय की महिला को डीजल डालकर जिंदा जला दिया जिससे उसकी उपचार दौरान भोपाल में मौत हो गई। घटना राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
दबंगों का आतंक लगातार जारी
बरोदिया कला के दबंगों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। वे आदिवासियों के साथ आए दिन मारपीट करते रहते हैं। 7 मई 2022 को हरिचरण यादव के खिलाफ एफआईआर हुई। इस घटना में आरोपी के ने जगदीश अहिरवार और उसके परिजनों के साथ ओढ़ा की पुलिया के पास गंदी गालियां देते हुए मारपीट की। अब पीड़ित अहिरवार परिवार दर-दर की ठोकर खा रहा है और शासन-प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही जिससे वे आर्थिक और मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं।
'आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा'
धरनावदा थाना प्रभारी अरुण प्रताप भदौरिया का कहना है कि मामला मेरी जानकारी में है और दो एफआईआर पहले की हैं, मेरे टाइम पर एक ही हुई है। हम पीड़ित परिवार की पूरी मदद कर रहे हैं अब ऐसी कोई दिक्कत नही आएगी। आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।