मनोज चौबे, Gwalior. देश भर में डकैतों के आतंक के लिए कुख्यात ग्वालियर चम्बल अंचल क्या आज भी इस आतंक से मुक्त नहीं हुआ है, ऐसा इसलिए क्योंकि एक बार फिर ग्वालियर के भंवरपुरा के जंगल में डकैतों की दस्तक हुई है। डाडा खिरक गांव में आधी रात डकैतों ने फायरिंग कर दहशत फैला दी है। 60 हजार रुपए के इनामी डकैत गुड्डा के डकैत गांव के लोगों से टेरर टैक्स मांगने पहुंचे थे। गांव के लोगों ने विरोध किया तो डकैतों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गांव के लोग भी एकजुट हो गए और जवाब में गोलियां चला दीं। गांव से फायरिंग होने पर डकैत एक ग्रामीण को पकड़कर जंगल में ले गए। यहां उसके साथ जमकर मारपीट की गई। वह उसे ले जा पाते उससे पहले पुलिस फोर्स वहां पहुंच गया। पुलिस ने सर्चिंग शुरू की तो डकैत ग्रामीण को छोड़कर गहरे जंगल में उतर गए। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से जंगल में सर्चिंग की है, लेकिन सफलता नहीं मिली है।
10 से 12 डकैत पहुंचे
दरअसल भंवरपुरा के डाडा खिरक गांव में 10 से 12 डकैत पहुंचे और फायरिंग कर दी। अचानक हुई फायरिंग से गांव में दहशत फैल गई। गांव के लोगों को समझते हुए देर नहीं लगी कि यह डकैत गिरोह का काम है। खेतों पर निगरानी के लिए सो रहे गांव के लोग यहां वहां छुप गए। इसके बाद फायरिंग करने वालों ने घोषणा की कि जो गुड्डा को टेरर टैक्स नहीं देगा उसका अंजाम बुरा होगा। इसी बीच गांव के दो युवक अपनी रायफल निकाल लाए और डकैतों की फायरिंग के जवाब में गोलियां चला दीं। गांव से भी फायरिंग होते देखकर थोड़ी देर बदमाश वहीं ठहरे रहे, फिर फायरिंग शुरू कर दी, दोनों तरफ से फायरिंग चल रही थी कि इसी दौरान खेत से लौट रहे शैलू गुर्जर को डकैतों ने पकड़ लिया और साथ ले जाने लगे।
पुलिस को देख भागे डकैत
जब उसने विरोध किया तो उसे बेहरमी से पीटा। इसी समय गांव के लोगों की सूचना पर पुलिस भी वहां आ पहुंची। पुलिस को देखकर बदमाश शैलू को छोड़कर जंगल में उतर गए। पुलिस और ग्रामीणों की टीम भी जंगल में उतर गई लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आया है। फिलहाल इस पूरे मामले पर एसएसपी अमित सांघी का कहना है कि यह पूरा इलाका सरहदी इलाका है, इसकी सीमा दूसरे जिले मुरैना से लगती है ऐसे में संभावना है कि मुरैना से कुछ बदमाश आए होंगे, लोगों की सुरक्षा को देखते हुए गश्त बढ़ाई गई है, जल्द ही सभी बदमाशों को पकड़ लिया जाएगा।