GWALIOR News. खाद्य सामग्री और किराना के समान पर जीएसटी लगाने के ऐलान से व्यापारी नाराज है। उनका कहना है कि इससे न केवल मंहगाई बढ़ेगी जिससे आम जनता को दिक्कतें होंगीं बल्कि इनका व्यापार करने वाले व्यापारियों पर इंस्पेक्टर राज का शिकंजा भी कसेगा जिससे भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा।
खुला आटा, दाल, चावल, मखाने सहित अन्य अनाज पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने को लेकर ग्वालियर के व्यापारियों में आक्रोश है। इसी को लेकर आज ग्वालियर में व्यापारियों ने दाल बाजार बंद का आह्वान किया है। हर रोज गुलजार रहने वाले दाल बाजार में आज सुबह से ही सन्नाटा है। दाल बाजार एसोसिएशन का कहना है केन्द्र सरकार ने जब जीएसटी लागू किया था। तब वादा किया था कि खाद्य उत्पाद गेंहू, आटा, दाल, चावल आदि को कभी टैक्स के दायरे में नहीं लाया जाएगा। कोविड के बाद से लोग वैसे ही महंगाई और बेरोजगारी से अभी उबर भी नहीं पाए है। गरीब और मध्यम वर्ग के कई ऐसे लाखों परिवार है जो अब भी एक-एक दिन के खाने के लिए संघर्ष कर रहे है, ऐसे में लोगों पर टैक्स लगाकर केन्द्र सरकार ने अब उनकी जेब ही नहीं बल्कि पेट पर भी चोट कर दी है। व्यापारियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अपने फैसले को वापस नही लेती है, तो वह शहर बंद का कॉल करेगें । क्योंकि ये मुद्दा जनहित से जुड़ा है, जिससे सभी वर्गों के लोग परेशान होगें।