जहां सोनाली फोगाट की मौत हुई, वहीं से ग्वालियर पहुंच रही ड्रग MDMA की खेप, तस्कर तलाश रहे नया मार्केट

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Dev Shrimali
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जहां सोनाली फोगाट की मौत हुई, वहीं से ग्वालियर पहुंच रही ड्रग MDMA की खेप, तस्कर तलाश रहे नया मार्केट

ग्वालियर.  ग्वालियर पुलिस को 6 सितबंर नशा तस्करों की गिरफ्तारी में मिली बड़ी सफलता के बाद अब पुलिस इस कारोबार के रुट तलाशने में जुट गयी है। पुलिस ने कल उसी ड्रग का जखीरा बरामद किया जिसकी चर्चा इस समय पूरे देश में है क्योंकि टिकटॉक सनसनी सोनाली फोगाट की मौत की बजह यही ड्रग मानी जा रही है। कल ग्वालियर पुलिस द्वारा  की गयी कार्यवाही के बाद अब तक की गयी पड़ताल में ख़ास बात ये निकली कि इस नए ड्रग कारोबार  गर्भनाल गोवा में ही है और नशा तस्कर अब वहीं  बैठकर देश भरा में इस नए नशा पदार्थ  के बेचने का नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, ग्वालियर में भी यह वहीं से पहुंचा था। इन घृणित कारोबारियों के निशाने पर नव धनाढ्यों के बच्चे और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र - छात्राएं हैं।



छह माह पहले मिला था सुराग



एसएसपी अमित सांघी का कहना है कि इसका सुराग पहली बार छह महीने पहले मिला था। दरअसल पुलिस के हत्थे एक एजेंट चढ़ा था जो शहर के होटल्स और फ़ार्म हाउसेस में होने वाली पार्टियों के लिए नशा सप्लाई करने के लिए नेटवर्क बनाने आया था और उसके पास अलग - लगा तरह के नशे के पदार्थों के सैम्पल्स थे। इस मामले में सीएसपी ऋषिकेश मीणा ने उससे पूछताछ की और फिर लेब में परीक्षण कराया तो उसमें एक सेम्पल एमडीएमए का निकला। यह ड्रग इस अंचल में पहली बार मिला था।  पता चला कि इसका उपयोग मुंबई,गोवा आदि में धनाढ्यों की पार्टियों में किया जाता है। सुशांत राजपूत की मौत के बाद सबसे पहले यह दर्ज चर्चा में आया था और हाल ही में सोनाली फोगाट की मौत की वजह  भी यही माना जाता है। लेब से पता चला कि यह काफी घातक और महंगा ड्रग है जो कोकीन को परिष्कृत करके सिंथेटिक रूप में बनाया जाता है।



फिर तस्करों से डील के प्रयास किये



इसके लिए फिर एक विशेष टीम बनाई गयी जिसका काम इसकी सप्लाई करने वालों तक पहुंचकर खरीदी की डील करना था। इसका एक सिरा दतिया में मिला।  इसके साथ कई दौर की बातचीत हुई। तस्करों  ने पहली बार दो से तीन करोड़ कीमत की एमडीएमए देने की बात कही। लेकिन बातचीत चलती रही तस्कर भी परखते रहे और पुलिस टीम भी अलर्ट रही। लम्बी बातचीत के बाद पहली खेप में एक करोड़ की एमडीएमए सलाई करने की बात तय हुई। डिलीवरी ग्वालियर में देना तय हुआ।



नोटों के झांसे के लिए बैग भी लेकर गए



यह गिरोह मंगलवार की सुबह एमडीएमए की खेप लेकर ग्वालियर पहुंचा।  तय हुआ की यह आदान - प्रदान मुरार में गौशाला के पास होगा मुखबिर के साथ दो लोग पुलिस के माल लेने वहां गए साथ में एक बैग भी ले गए थे ताकि उन्हें लगे कि उनके पास रूपये भी हैं। बैग दिखाकर युवती से एमडीएमए की खेप लेने के बाद आसपास लगी टीआई दामोदर गुप्ता और शैलेंद्र भार्गव के नेतृत्व वाली पुलिस टीम ने सबको घेर कर दबोच लिया।



गोवा से आता है माल



एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि यह माल शहर के होटलों और रेस्टॉरेंट्स में खपने के लिए आया था लेकिन पुलिस ने मुखबिर को घुसेड़कर खुद ही इसे बरामद कर लिया। आरोपियों से अब तक की पूछताछ से पता चला कि यह एमडीएमए नामक ड्रग की खेप सबसे पहले झांसी में रहने वाले मनीष मिश्रा के पास आई थी।  मनीष की सीधे गोवा  में बैठे ड्रग सप्लायरों से सम्पर्क है। माना जा रहा है कि मनीष पेडलर है जिसके जरिये इस क्षेत्र में इस नए घातक और मंहगे दर्ज कारोबार की जेड जमाईं जा रहीं है। गोवा से यह माल ट्रेन के जरिये मंगवाया गया। यह किस ट्रेन से आया ,किसने डिलीवरी दी यह बात पकड़े गए लोगों को नहीं पता।  उनका कहना है कि यह जानकारी सिर्फ मनीष मिश्रा को है।



मुकेश की फ्रेंड है पकड़ी गयी सोनम



इस मामले में पुलिस ने छह संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। इनमे एक महिला और छह पुरुष हैं। इनके कब्जे से 76 लाख रूपये कीमत की 720 ग्राम एमडीएमए बरामद हुआ लेकिन इसका अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मूल्य करोड़ों में है। पकडे लोगों का कहना है कि अभी उन्होंने झांसी ,चिरगांव और उसके आसपास के इलाकों में अच्छा नेटवर्क बना लिया है जहाँ होटल्स और रेस्त्रां आदि के जरिये खासकर युवा और छात्र - छात्राओं को माल बेचा करते थे अब उन्होंने दतिया के जरिये ग्वालियर में भी कारोबार फैलाने की सोची थी। पता चला कि यह एमडीएमए महाराष्ट्र और गोवा से मनीष मिश्रा निवासी झाँसी ने मंगाई थी। मनीष ने इसकी डील दतिया निवासी मुकेश दांगी से की थी।  पकड़ी गयी महिला सोनम मुकेश  की फ्रेंड है।  मुकेश से पुलिस के मुखबिर की डील हुई तो उसने अपनी मित्र को माल लेकर डिलीवरी देने ग्वालियर भेजा ताकि महिला होने के नाते पुलिस उसकी चेकिंग नहीं करेगी।  लेकिन उसे इस बात का अहसास ही नहीं था कि उसके साथ पुलिस ही डील कर रही है। सोनम का एक चार साल का बेटा भी बताया जा रहा है।



मनीष मिश्रा मिले तो खुल जाएगा पूरा नेटवर्क



एसएसपी सांघी का मांनना है कि पकड़े गए लोग सिर्फ दलाल या कारोबार के नेटवर्क के हिस्से भर है इसका असली तस्कर मनीष मिश्रा है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। उसकी गिरफ्तारी होते ही इस कारोबार का पूरा रूट पता चल जाएगा कि यह काम कहाँ से चल रहा है और यह एमडीएमए बन कहाँ रही है और इंडिया में किस रास्ते से आ रही है।


खोखला होता भविष्य नशे की गिरफ्त में युवा hollow future increasing number of crimes Youth in the grip of drugs अपराधों की बढ़ती संख्या
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