भिंड. सरकार और सामाजिक संस्थाओं के लाख प्रयास के बावजूद भी बेटे और बेटियों में भेदभाव के चलते भिंड जिले में लिंगानुपात की स्थिति आज भी काफी गंभीर बनी हुई है। साल 2016 की जनगणना के अनुसार भिंड जिले में प्रति 1000 पुरुषों पर 855 महिलाएं हैं, जिले में आज भी दहेज का दंश ओर बेटी पैदा होने पर कई महिलाओं को प्रताड़ित करने के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला भिंड में सामने आया है, जहां शहर के अटेर रोड निवासी मुन्ना खरे ने अपनी बेटी निशा की शादी 25 फरवरी 2020 को बड़ी धूमधाम से ग्वालियर की सत्यनारायण की टेकरी में रहने वाले हरिओम मौर्य के बेटे बृजमोहन मौर्य के साथ की थी। लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद निशा को कम दहेज लाने के कारण मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।
बेटी हुई तो रखने से इंकार: बेटी की प्रताड़ना की जब जानकारी उसके पिता को लगी तो वह अपनी बेटी निशा को अपने घर भिंड लेकर आ गए। जब निशा को घर लाए थे उस समय निशा गर्भवती थी, कुछ दिनों बाद जब निशा ने नन्ही परी को जन्म दिया तो पिता ने ससुराली जनों से संपर्क किया। तब ससुराली जनों ने कहा कि अगर तुम्हारी बेटी ने बेटा पैदा किया होता तो उसको हम जरूर बुला लेते, लेकिन उसके तो बेटी हुई है। अब उसका ख्याल तुम ही रखो।
महिला थाने में मामला दर्ज: इस पूरे वाक्ये के बाद मुन्ना खरे ने शहर की महिला अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई। यहां पर DSP पूनम थापा ने निशा को बुला करके उसके बयान दर्ज कर ससुराली जनों पर घरेलू हिंसा और लिंग भेद की धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं। अब सवाल ये हैं कि निशा और बच्ची का भरण पोषण कैसे होगा?