राजगढ़. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ (Rajgarh) जिले में बंदर की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए डालूपुरा गांव (Dalupura Village) में ग्रामीणों द्वारा कोरोना गाइडलाइन (Corona guideline) का पालन करते हुए भंडारे का आयोजन किया गया। मृत्युभोज का आयोजन 10 जनवरी को आयोजित हुआ। जिसमें गांव के मेहमानों को भी आमंत्रित किया गया। दरअसल, एक बंदर सुबह जंगल की ओर से गांव में आ गया था। वह दिनभर उछल-कूद करता रहा। फिर रात 29 दिसम्बर की रात आठ बजे ठंड की वजह से उसकी मौत हो गई थी।
यह है पूरा मामला : खिलचीपुर के गांव डालूपुरा में अजीब मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक गांव के जंगल में एक बंदर बीमार अवस्था में ग्रामीणों को मिला था। इसके बाद उसको ग्रामीण उपचार के लिए गांव में ले आए थे। जहां से खिलचीपुर ले गए, और फिर राजगढ़ लाकर उपचार कराया था, लेकिन उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने अर्थी सजाकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया।
अस्थियां उज्जैन में विसर्जित की गई : ग्रामीणों का कहना है कि पशु पक्षियों की तरह सभी को सद्भाव रखना चाहिए, ताकि उनकी देखरेख हो सके। पशु पक्षी हमारे ऊपर कहीं न कहीं निर्भर रहते हैं। उनकी लोग देखरेख करें इसी को देखते हुए यह आयोजन किया जा रहा है। इसीलिए गांव डालूपुरा में एक बंदर की मौत हो गई थी। जिसकी अस्थियां उज्जैन में विसर्जित की गई थीं। बंदर की मौत पर मुंडन भी करवाया। परिवार के सदस्य की तरह ग्यारहवीं का कार्यक्रम संपन्न किया। भोज में 10 क्विंटल आटा, 450 लीटर छाछ, 350 लीटर तेल, 2.5 क्विंटल शक्कर, एक क्विंटल बेसन से बना भोजन और 10 हजार दोने-पत्तल लगे। स्कूल परिसर में भव्य पंडाल लगाया गया।