GUNA. गुना के धनोरिया की सहरिया आदिवासी रामप्यारी बाई ने 6 दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद दम तोड़ दिया। आदिवासी महिला की भोपाल के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। रामप्यारी बाई 80 प्रतिशत तक जल गई थी। जमीनी विवाद में दबंगों ने डीजल डालकर उसे जिंदा जला दिया था। रामप्यारी बाई का अंतिम संस्कार 9 जुलाई को धनोरिया में होगा जिसमें आदिवासी अधिकारों को संकल्पित सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल होंगे।
जमीनी विवाद में दबंगों ने डीजल डालकर लगाई थी आग
धनोरिया गांव में जमीनी विवाद में दबंगों ने सहरिया आदिवासी रामप्यारी बाई के ऊपर डीजल डालकर आग लगा दी थी। महिला के पति अर्जुन सहरिया ने बताया था कि उनकी पत्नी रामप्यारी बाई खेत पर बुआई करने के लिए गई थी। उन्हें कुछ दिन पहले ही खेत का कब्जा मिला था। आरोपियों ने आक्रोशित होकर खेत पर जाकर ट्रैक्टर से डीजल निकालकर उसकी पत्नी को आग के हवाले कर दिया था।
SDM ने दबंगों के कब्जे से मुक्त कराई थी जमीन
एसडीएम वीरेंद्र बघेल ने बताया था कि 6 मई 2022 को दबंगों के कब्जे से 6 बीघा जमीन मुक्त कराकर अर्जुन पुत्र धनराज सहरिया को कब्जा दिलाया था। इस दौरान तहसीलदार ने 6 बीघा खेत में ट्रैक्टर भी चलाया था, तब भी दबंगों ने तहसीलदार के सामने हंगामा किया था लेकिन पुलिस के पहरे में सहरिया परिवार को जमीन उपलब्ध करा दी गई थी। महिला के पति अर्जुन सहरिया का कहना था कि उसकी गेहूं की फसल भी दबंगों ने काट ली थी लेकिन पुलिस से लेकर राजस्व विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
डेढ़ घंटे में पहुंची थी पुलिस
सहरिया आदिवासी रामप्यारी बाई के पति ने बताया कि दबंगों के आग लगाते ही आसपास के खेतों में काम करने वाले लोग भाग खड़े हुए थे। रामप्यारी बाई दोपहर 2 बजे से लेकर साढ़े 3 बजे तक मदद के लिए गुहार लगाती रही लेकिन दबंगों के डर से उसकी किसी ने मदद नहीं की। पुलिस और राजस्व के अधिकारी डेढ़ घंटे में घटनास्थल पर पहुंच पाए थे।