Bhopal. शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी MPTET में पास होकर मेरिट में आए अब भी हजारों अभ्यर्थी बेरोजगार ही है। निर्धारित पदों से कम पर भर्ती होने से यह स्थिति बनी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 सितंबर को भेल दशहरा मैदान में आयोजित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में 18 हजार नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरित किए। ठीक इसी वक्त सभी रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को प्रदर्शन करने जा रहे 50 से अधिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पासआउट अभ्यर्थियों को पुलिस ने आईएसबीटी के सामने रोक लिया और आईएसबीटी स्थित पुलिस चौकी के सामने घंटो नीचे बैठाए रखा। शिक्षक पात्रता परीक्षा पासआउट अभ्यर्थी रंजीत ने बताया कि सीएम 18 हजार नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति प्रमाण—पत्र दे रहें हैं, जबकि उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान वैकेंसी 30 हजार पदों की निकाली गई थी। मतलब जितने पदों पर वैकेंसी निकाली अभी भी उन में 12000 पद खाली हैं। MPTET पासआउट अभ्यर्थियों की मांग है कि द्वितीय चरण की काउंसलिंग कर इन खाली 12000 पदों को जल्द भरा जाए, ताकि पात्र अभ्यर्थी शिक्षक के रूप में नियुक्त हो सके। रंजीत ने बताया कि 18 मई 2018 को दोपहर 2:05 बजे चीफ मीनिस्टर आफिस मध्य प्रदेश के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर शिवराज सिंह चौहान की ओर से ट्वीट किया गया कि प्रदेश में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है स्थानीय चुनाव और शिक्षक की भर्ती में 50% आरक्षण दिया जाता है प्रदेश में होने वाली 62000 शिक्षकों की भर्ती में भी बेटियों का आरक्षण का लाभ मिलेगा। अभ्यर्थियों की मांग है कि जब प्रदेश में 62 हजार पद रिक्त हैं तो भर्ती सिर्फ 18 हजार पदों पर ही क्यों की गई, अन्य रिक्त पदों पर भी शिक्षक पात्रता परीक्षा की मेरिट के आधार पर भर्ती की जानी चाहिए।
स्कूल शिक्षा और जनजातीय विभाग की चयन सूची में एक जैसे नाम
MPTET पासआउट अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले वर्ष 24,200 एवं इस वर्ष 13,000 शिक्षकों की भर्ती के लिए बजट पारित हो चुका है, लेकिन अभी तक नाम मात्र की नियुक्तियां हुई हैं। स्कूल शिक्षा और जनजातीय विभाग द्वारा एक साथ स्थाई शिक्षक भर्ती की जा रही है, जिसमें दोनों विभागों की चयन सूचियों में कई अभ्यर्थियों के नामों की पुनरावृति भी देखने को मिल रही हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि इसमें सुधार होना चाहिए, ताकि अन्य शेष अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का अवसर प्राप्त हो सके।