गोपाल देवकर, Burhanpur. बुरहानपुर के जनजाति समाज की मांग है कि ऐसे लोग जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया है उन्हें जनजाति लिस्ट से बाहर कर दिया जाए। इसके लिए जनजाति विकास मंच ने महारैली निकाली। परम पूज्य संत श्री दादू जी महाराज की अगुवाई में महारैली हुई।
जनजातियों की सरकार से अपील
बुरहानपुर में जनजाति विकास मंच ने डीलिस्टिंग महारैली निकाली। रैली में जनजाति समाज के प्रबुद्धजन, महिला-पुरुष अपनी परंपरागत वेशभूषा, वाद्य यंत्र और शस्त्र के साथ शामिल हुए। सभी जनजातियों ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि जो जनजाति समाजजन अपने रीति-रिवाज, परंपराएं, संस्कृति छोड़कर ईसाई और मुसलमान बन गए हैं, ऐसे सभी व्यक्तियों को जनजाति सूची से बाहर किया जाए और डीलिस्ट किया जाए।
लालच देकर कराया जा रहा धर्मांतरण
स्वतंत्रता में जनजाति समाज की अहम भूमिका रही है। जनजाति समाज आदिकाल से सनातन धर्म संस्कृति का पालन करता है लेकिन प्रलोभन और लालच देकर उनका धर्मांतरण किया जा रहा है। अंग्रेजों के शासन काल में ईसाई मिशनरियों ने जनजाति क्षेत्र में धर्मांतरण प्रारंभ किया जो आज तक चल रहा है। तीन प्रतिशत लोग देश की सुविधाओं का अस्सी प्रतिशत लाभ उठा रहे हैं। जो लाभ संविधान में जनजाति समाज को अपनी संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज का संरक्षण करने के लिए मिला हुआ था। जनजाति समाज के लिए जो आरक्षण प्राप्त था उसका ईसाई मिशनरियों ने दुरुपयोग किया गया और दोहरा लाभ ले रहे हैं, इसको ध्यान में रखते हुए समाज ने डीलिस्टिंग की मांग की है।
2006 में शुरू किया जनजाति डीलिस्टिंग अभियान
जनजाति सुरक्षा मंच ने देश भर में सर्वे करने के बाद जनजाति डीलिस्टिंग अभियान को 2006 में दोबारा शुरू किया और अभी देश भर में डीलिस्टिंग निमित्त रैलियां हो रही हैं, गांव-गांव से डीलिस्टिंग की मांग के ग्राम प्रस्ताव पारित होकर पंचायत से संसद तक इस अभियान को तेज गति से शुरू किया जा रहा है।