ग्वालियर. कोरोना के बाद डेंगू ने बूरी तरह से मध्यप्रदेश को अपनी चपेट में लिया है। अब तक 121 केस मिल चुके हैं, जबकि पिछले साल सिर्फ 16 केस दर्ज किए गए थे। इनमें सबसे ज्यादा मरीज बच्चें हैं। करीबन 50 बच्चों को डेंगू ने अपना शिकार बनाया है।
केसों की संख्या में लगातार इजाफा
पिछले साल कोरोना (Corona) की वजह से सिर्फ 16 केस (case)आए थे। कोरोना की भयावह स्थिति की वजह से शहर के हर अस्पताल ()hospital) में बेड फूल थे। 2020 के मुकाबले इस साल बारिश बहुत कम हुई है, जलजमाव भी कम है। फिर भी केस बढ़ने से प्रशासन आश्चर्य में है। डोर टू डोर लावा टेस्टिंग (lava testing) भी की गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रशासन ने अबतक 4.70 लाख लोगों का डोर-टू-डोर (door to door)लावा टेस्टिंग की है।
बच्चों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी
डेंगू के बढ़ते प्रकोप की वजह से एक 13 साल (13 year old) की बच्ची की मौत (death) हो गई। इलाज के लिए उसे दिल्ली ले जाया गया पर उसकी जान चली गई। बच्चों के डॉकटरों (doctor) यानी पीडियाट्रिक विभाग के एक डॉक्टर ने बताया कि इस साल जिन बच्चों को भी डेंगू हुआ है। उन्हें प्लेटलेट्स नहीं चढ़ाने पड़े। जो कि एक अच्छी खबर हैं।