भोपाल नगर निगम यानि BMC खाली जगहों पर जमा पानी या उसमें लार्वा मिलने पर कार्रवाई करती है। इस लापरवाही के लिए बीएमसी प्रशासन लोगों से जुर्माना वसूलता है पर जिन सार्वजनिक जगहों पर पानी निकासी (Water Drainage) की जिम्मेदारी खुद नगर निगम की है, वहां बीएमसी के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। शहर में डेंगू (Dengue) के बढ़ते मामलों के बीच कॉलोनियों में खाली प्लॉट्स (Vacant Plots Dengue Larva) पर भरे बारिश एवं सीवेज के पानी की शिकायत सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) पर करने पर निगम के जिम्मेदार अधिकारी सफाई कराने के बजाय शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। जबकि यह जनसमस्या सीधे लोगों की सेहत से जुड़ी है।
बारिश के बाद शहर में डेंगू के 600 मरीज
राजधानी भोपाल में बारिश का मौसम खत्म होने के बाद घातक डेंगू बीमारी (Bhopal Dengue) के अब तक 600 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नगर निगम भोपाल (Bhopal Municipal Corporation) ने पूरे शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए खास मुहिम चलाई थी। खाली जगहों पर बाारिश का पानी या उसमें लार्वा (Dengue Larva) मिलने पर लोगों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई। इस अभियान में करीब 150 से अधिक लोगों से स्पॉट फाइन वसूला गया। सबसे ज्यादा कार्रवाई जोन-17 यानि भानपुर, करोंद (Karond) और बड़वई इलाके में आम लोगों से जुर्माना वसूलने तक ही सीमित रही।
अब तक शहर के इन इलाकों में मिला डेंगू का लार्वा
बीएमसी के अमले को भोपाल के साकेत नगर, कमला नगर, लालघाटी, शिवलोक, विजय नगर, बागसेवनिया, कटारा, निजामुद्दीन, अयोध्या बाईपास, गोविंदपुरा, औद्योगिक क्षेत्र,गांधी नगर, नेहरू नगर, अवधपुरी, मालवीय नगर, सोनागिरी, अवधपुरी, श्यामला हिल्स, बरखेड़ा पठानी, ई-8 अरेरा कॉलोनी, सुभाष नगर, खजूरी कला, मिनाल रेसीडेंसी और करोंद में डेंगू लार्वा मिला।
लोगों की लापरवाही पर जुर्माना, अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा
किसी आवासीय या व्यावसायिक परिसर में किसी खाली गमले या खाली बॉटल में लार्वा मिलने पर आम लोगों से बड़ा जुर्माना (Fine) वसूला गया। लेकिन शहर में जिन जगहों या कॉलोनियों में खाली पड़े प्लॉट्स में भारी पानी निकलवाने की जिम्मेदारी खुद नगर निगम की है, वहां निगम का अमला पल्ला झाड़ रहा है। जबकि ऐसे इलाकों में बड़ी संख्या में लोग निगम प्रशासन को प्रॉपर्टी टैक्स का भी भुगतान कर रहे हैं।
टैक्स वसूलने के बाद ऐसे रहवासी इलाकों में साफ-सफाई कराना बीएमसी की प्राथमिक जिम्मेदारी है लेकिन वो इसे नहीं निभा रहा है। इस बारे में सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) पर शिकायत करने के बाद भी लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। रहवासी इलाकों में खाली जमीन या प्लाट्स में भरे पानी से गंदगी और मच्छरों (mosquitoes) की समस्या से निजात दिलाने के बजाय बीएमसी का अमला पीड़ित लोगों से शिकायत वापस लेने को कहता है।
डेंगू के मामले में BMC प्रशासन का दोहरा रवैया
डेंगू लार्वा की रोकथाम के लिए की गई कार्रवाई के दौरान बीएससी का दोहरा रवैया सामने आया। 16 सितंबर को नगर निगम की टीम रायसेन रोड स्थित कल्पना नगर में पुरूषोत्तम गौर तरूण स्वीमिंग पूल पहुंची। यहां कैंपस में एक खाली बॉटल में भरे बारिश के पानी में डेंगू का लार्वा मिलने पर बीएमसी की टीम ने 10 हजार रुपये का स्पॉट फाइन किया। इसके उलट बागमुगालिया इलाके के प्रियदर्शनी फेस-2 के आस-पास खाली प्लॉट और जमीन पर पिछले 11 सालों से सीवेज का पानी जमा है।
इलाके में गंदगी और मच्छरों से परेशान नागरिकों की समस्या जब निगम प्रशासन और स्थानीय बिल्डर ने नहीं सुनी तो यहां रहने वाले उमादत्त शर्मा और नीरज मिश्रा ने बड़ी उम्मीद से सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। उन्हें लगा कि सरकार की इस बहुप्रचारित और हाईलेवल हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद तो नगर निगम का अमला हरकत में जरूर आएगा लेकिन हुआ इसके उलट। निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा कि चूंकि सोसायटी अभी बीएमसी को हेंडओवर नहीं हुई है इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते। आप अपनी शिकायत वापस ले लीजिए।
नाराज नागरिक बोले, ऐसी CM हेल्पलाइन किस काम की
प्रियदर्शनी फेस-2 में सालों से खाली जमीन और प्लॉट्स में बारिश और सीवेज का पानी जमा होने की दो अलग-अलग शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर की गईं। पहली शिकायत नीरज मिश्रा ने की जिसका शिकायत नंबर 15273002 है और दूसरी शिकायत उमादत्त शर्मा ने की जिसका शिकायत नंबर 15273480 है। सीएम हेल्पलाइन में जब भी शिकायत की जाती है तो उसे बंद करने से पहले शिकायतकर्ता से यह जरूर पूछा जाता है कि आप की गई कार्रवाई से संतुष्ट है या नहीं। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ और बिना कार्रवाई के ही शिकायत बंद कर दी गई।
बारिश, सीवेज के पानी से एक दर्जन कालोनियों के रहवासी परेशान
दरअसल सीवेज और बारिश के जिस पानी की निकासी करने में नगर निगम प्रशासन असमर्थ है, उससे बीते 11 साल से एक दर्जन कालोनियों (Bhopal Colonies Problem) के लोग परेशान है। बागमुगालिया क्षेत्र के गुलाबी नगर, कादम्बिनी फेस 1 और 2, पालम कृष्ट, यशोदा गार्डन, पार्थ सारथी, गायत्री विहार, रामेश्वरम सेक्टर ए और बी, प्रोसपेरा और प्रियदर्शनी फेस-2 की एक हजार से अधिक परिवार आसपास जमा पानी से परेशान है। सालों से पानी जमा होने से ये सड़ गया है जिससे दूर तक इसकी बदबू आती है।
विधानसभा में कृष्णा गौर ने कहा था- प्रशासन बिल्डर की सुन रहा
सीएम हेल्पलाइन पर से पहले बड़ी जनसमस्या से जुड़ा यह मामला क्षेत्र की भाजपा विधायक कृष्णा गौर (Krishna Gaur) ने 17 मार्च 2021 को विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से भी उठाया था। उन्होंने कहा कि शहर के वार्ड 53 और 55 में स्थित कई कालोनियों में घुटनों तक सीवेज और बारिश का पानी भरा हुआ है। वे इस समस्या से समाधान के लिए प्रशासन में हर तरह के प्रयास कर चुकी हैं। लेकिन लोगों को इस समस्या से निजात नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि वे जिला प्रशासन के बड़े अफसरों को भी समस्या से अवगत करा चुकी हैं पर वे जिम्मेदार बिल्डर का पक्ष लेते हैं, उनकी बात नहीं सुनते। इस पर तत्कालीन सभापति लक्ष्मण सिंह ने मंत्री भूपेंद्र सिंह से कहा था कि प्रशासन बिल्डर की सुन रहा है विधायक की नहीं। यह गंभीर बात है। इस पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि संबंधित बिल्डरों के जो प्लॉट नगर निगम के पास बंधक हैं उन्हें बेचकर इन कालोनियों में जरूरी विकास के कार्य कराए जाएंगे।
पीड़ित लोगों के बीएमसी प्रशासन से सवाल
- यदि नगर निगम की कोई जवाबदारी नहीं है तो वह इन इलाकों से प्रापर्टी टैक्स क्यों वसूल कर रही है।
बिल्डर- प्रशासन के आरोप-प्रत्यारोप
प्रियदर्शनी फेस-2 के अध्यक्ष उमादत्त शर्मा ने बताया कि बिल्डर का कहना है कि प्रशासन ने हमें सीवेज लाइन निकालने की जगह नहीं दी। वहीं प्रशासन का कहना है कि बिल्डर को ड्रेनेज की व्यवस्था करनी थी। दोनों ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। नगर निगम कमिश्नर से लेकर भोपाल कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत करने पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो बीएमसी के अधिकारी बोलने लगे अपनी शिकायत वापस लो, क्योंकि ये कालोनी निगम को हैंडओवर नहीं हुई है।
घरों के आस-पास पानी जमा होने से बीमार हो रहे लोग
प्रियदर्शनी फेस-2 के रहवासी जेपी शुक्ला ने कहा कि यहां सीवेज की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं। घर के चारों ओर बारिश और सीवेज का पानी जमा है। ये पीने के पानी में भी मिक्स हो रहा है, जिससे लोग बीमार हो रहे हैं। हमने यह प्लॉट असनानी बिल्डर से लिया था।
असनानी बिल्डर ने कहा- कॉलोनी बहुत पुरानी है
प्रियदर्शनी फेस-2 के बिल्डर दीपेश असनानी का कहना है कि यह मामला काफी पुराना है। यह कॉलोनी असनानी ग्रुप (Asnani Group) ने ही डेवलप की पर मुझे इस बारे में कोई आइडिया नहीं है क्योंकि ये तो बहुत पुरानी कॉलोनी है। मुझे इस मामले की जानकारी लेनी होगी इसके बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
अमृत योजना पार्ट-2 में लिया सीवेज प्रोजेक्ट- कृष्णा गौर
क्षेत्रीय विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि हम लगातार नगर निगम कमिश्नर से इस जनसमस्या के समाधान को लेकर चर्चा कर रहे हैं। अमृत योजना (Amrit scheme) पार्ट-2 में इस एरिया को लिया गया है। सीवेज निकासी के लिए बड़ा प्रोजेक्ट बनाकर यहां काम कराया जाएगा।
जिम्मेदारों का गैर जिम्मेदाराना रवैया
खाली प्लॉट्स पर भरे पानी के कारण पैदा हुई इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या पर नगर निगम का पक्ष जानने के लिए द सूत्र ने BMC के उपायुक्त एमपी सिंह से संपर्क किया। उन्होंने मीटिंग का हवाला देकर बात नहीं की। इसके बाद जब दोबारा कॉल किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। एमपी सिंह के मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप मैसेज भी किया पर उन्होंने कोई भी रिप्लाई नहीं दिया।