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Jabalpur. जबलपुर में डाक विभाग द्वारा बुंदेलखंड के प्रमुख लोकनृत्यों में से एक अहीर नृत्य को सम्मान दिया गया है। विभाग द्वारा अहीर लोक नृत्य पर विशेष आवरण जारी किया गया। इस दौरान आयोजित समारोह में कदम सांस्कृतिक कला केंद्र द्वारा अहीर लोकनृत्य की प्रस्तुति भी दी और कार्यक्रम के बाद इस लोकनृत्य के निर्देशकों को सम्मानित भी किया गया।
कदम सांस्कृतिक कला केंद्र के डॉ शैलेंद्र पांडे ने बताया कि अहीर लोकनृत्य की शुरूआत जबलपुर से सटे गधेरी, ककरतला, डुमना और आसपास के अहीर बहुल गांवों से हुई थी। जिसके बाद इसे व्यवस्थित ढंग से निर्देशित करने के उपरांत पूरे बुंदेलखंड में प्रसारित किया गया। डाक विभाग द्वारा अहीर लोकनृत्य को सम्मानित करने पर कला केंद्र के सदस्यों और संस्कृति प्रेमियों में काफी खुशी देखी गई।
दीपावली के अगले दिन से लोकनृत्य करने की है परंपरा
बता दें कि अहीर समाज के लोग दीपावली के दूसरे दिन अपने पशुधन की पूजन अर्चन के साथ ही अहीर लोकनृत्य का प्रदर्शन करते हैं जो पूरे माह चलता रहता है। नृत्य में अपने आराध्य भगवान कृष्ण की आराधना करते हुए यह लोकनृत्य पारंपरिक अस्त्रों के साथ किया जाता है। संपूर्ण महाकौशल अंचल में टोली बनाकर गांव-गांव घूम घूम कर सभी की सम सुख समृद्धि की साधना लिए मंगल कामना लिए नृत्य करते हैं एवम पिरामिड बनाकर भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का मंचन करते हैं यादव जाति के लोग भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानते हैं इसलिए भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाएं आपको इस लोक नृत्य में देखने को मिलेंगी
अहीर नृत्य को सम्मानित किए जाने पर अहीर समाज ने भी डाक विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया है। भारतीय डाक विभाग द्वारा समय समय पर विभिन्न महत्वपूर्ण व्यक्तियों, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व की चीजों पर डाक टिकट तथा विशेष आवरण जारी किए जाते हैं। ये सभी एक रंग रूप में एक बार ही जारी होते हैं, जिस कारण इनका अत्यधिक महत्व होता हैं।