भोपाल. जाने-माने फैशन ब्रांड सब्यसाची (Fashion Brand Sabyasachi) ने मंगलसूत्र पर बनाया एडवरटाइज (Advertise) वापस ले लिया। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी के ऐड पर सख्ती दिखाई थी। 31 अक्टूबर को उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर विज्ञापन 24 घंटे में नहीं हटाया गया तो FIR की जाएगी। नरोत्तम ने सब्यसाची को चुनौती देकर कहा था कि अगर हिम्मत है, तो किसी दूसरे धर्म पर इस तरह का विज्ञापन बनाकर दिखाएं।
सब्यसाची ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट भी किया
सब्यसाची ने इसके लिए इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की। फैशन ब्रांड ने कहा कि हम इस बात से दुखी हैं कि समाज के एक वर्ग को इससे (विज्ञापन से) ठेस पहुंची। लिहाजा हम इस ऐड को वापस ले रहे हैं।
मॉडल की ड्रेस पर हुआ विवाद
सब्यसाची ने अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में एक ज्वैलरी कलेक्शन सेट लॉन्च किया था। उन्होंने इस कलेक्शन को 'द रॉयल बंगाल टाइगर आइकन' नाम दिया। इस सेट के एक मंगलसूत्र के विज्ञापन पर विवाद हो गया। मंगलसूत्र को कंपनी ने 'द रॉयल बंगाल मंगलसूत्र 1.2' नाम दिया। दरअसल, विज्ञापन में एक महिला और पुरुष को दिखाया गया। महिला ने विज्ञापन में ब्लैक अंडरगारमेंट के साथ मंगलसूत्र पहना था। सोशल मीडिया पर ऐड आते ही लोगों ने जमकर खिंचाई की। कहा कि ये मंगलसूत्र का ऐड कहां से दिख रहा है? सब्यसाची के इस ऐड का हिंदू संगठनों ने भी विरोध किया था।
शिवजी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है
नरोत्तम ने कहा था- मैंने डिजाइनर मुखर्जी का मंगलसूत्र का विज्ञापन देखा, बेहद आपत्तिजनक है। आभूषणों में सर्वाधिक महत्व धार्मिक दृष्टि से मंगलसूत्र का होता है। हम मानते हैं कि मंगलसूत्र का पीला हिस्सा मां पार्वती हैं और काले हिस्से में भगवान शिव। शिवजी की कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है। मां पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। आप में हिम्मत है तो किसी दूसरे धर्म पर इस प्रकार का विज्ञापन बनाकर दिखाएं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे विवाद
पिछले महीने भी फैब इंडिया के एक विज्ञापन पर बवाल हुआ था। इसमें बिग बाजार ने दिवाली को जश्न-ए-रिवाज बताया था। उस दौरान लोगों ने कहा था कि हिंदू त्योहारों का नाम ही क्यों हर बार बदला जाता है। अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में करवाचौथ के एक विज्ञापन को लेकर डाबर को माफी मांगनी पड़ी थी।