Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि स्मार्ट सिटी के तहत विभिन्न सड़कों के चैड़ीकरण के लिए आवश्यक जमीन का सीमांकन व मूल्यांकन कर तुरंत कब्जा ले लिया जाए। वहीं 6 माह के अंदर आर्थिक मुआवजे का आंकलन कर भुगतान भी विधि अनुसार किया जाए। जस्टिस शील लागू और जस्टिस एमएस भट्टी की खंडपीठ ने 9 लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है।
शोकाॅज नोटिस के जवाब का न करें इंतजार
कोर्ट ने कहा कि जिन जमीन मालिकों को शोकाज नोटिस दिए गए हैं, वे अपना जवाब प्रस्तुत कर सकते हैं लेकिन जवाब पर फैसले का इंतजार जमीन अधिग्रहण के लिए नहीं किया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जनहित के कार्य किसी भी तरह प्रभावित नहीं होने चाहिए।
निगम जमीन के बदले जमीन देने तैयार, फरियादी मांग रहे मुआवजा
सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से यह दलील दी गई कि चूंकि याचिकाकर्ता की जमीनें लीज पर हैं इसलिए उन्हें
मुआवजा देने के बजाय दोगुनी भूमि आवंटित की जाएगी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि नगर निगम आर्थिक क्षतिपूर्ति देने से इनकार नहीं कर सकता, जब तक कि भूमि स्वामी स्वयं जमीन सरेंडर न कर दे।