Dewas. मध्यप्रदेश के देवास (Dewas) में आदिवासी समाज (Tribal Society) के कुछ संगठनों ने कांग्रेस के साथ मिलकर 24 मई को खातेगांव में धरना प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन आदिवासी युवक रामदेव काकोड़िया के समर्थन में किया जा रहा है। पिछले दिनों देवास कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला (Collector Chandramouli Shukla) ने रामदेव काकोड़िया (Ramdev Kakodia) को जिला बदर (District Badar) कर दिया था। इसके विरोध में जयस (Jays) सहित तमाम संगठनों ने विरोध किया था। सामाजिक संगठनों का आरोप है कि रामदेव को झूठे केस में फंसाकर उन पर जिला बदर की कार्रवाई की गई है। इस प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh), मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) सहित कई बड़े नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान शिवराज सरकार के विरोध में नारेबाजी हुई।
डाक बंगला मैदान जुटे आदिवासी
आदिवासी युवक के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में जयस, कांग्रेस सहित तमाम संगठन के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए। यह प्रदर्शन खातेगांव के डाक बंगला मैदान में हुआ। पूरे मामले को लेकर दिग्विजय सिंह काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं। खातेगांव के मामले में उन्होंने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए हैं। उन्होंने युवक पर हुई जिला बदर की कार्रवाई की निंदा करते हुई सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा था।
ये है पूरा मामला
रामदेव काकोड़िया पर जिला बदर की कार्रवाई क्यों की गई। दरअसल पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने पिछले दिनों अपनी कथा के दौरान संविधान बदलने की बात की थी। इस पर देवास के एक युवक राहुल बारवाल (Rahul Barwal) ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की। इसे लेकर राहुल बारवाल के खिलाफ शिकायत हुई। खातेगांव पुलिस पर आरोप है कि उसने राहुल बारवाल की मूंछें उखाड़ने की कोशिश की। रामदेव काकोड़िया ने भी संविधान बदलने के बयान का विरोध किया था और पंडित प्रदीप मिश्रा पर देशद्रोह की धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग की थी। 7 मई को रामदेव को थाने बुलाया गया था। रामदेव का आरोप था कि वहां पहले से बीजेपी और आरएसएस से जुड़े लोग थे और उनकी मौजूदगी में उसके साथ मारपीट की गई।
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि रामदेव काकोड़िया नौजवान बहादुर आदिवासी जयस का कार्यकर्ता है। उसे थाने में बुलाकर टीआई, बीजेपी व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बेरहमी से पीटा। बेकसूर को धारा-151 लगा कर जेल भेज दिया। डॉक्टर पर दबाव डालकर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई। उसे इंदौर-उज्जैन संभाग से जिलाबदर कर दिया गया। उसका कसूर क्या है, यही न कि वो आदिवासियों की लड़ाई लड़ता है। क्या आदिवासियों के हित में लड़ाई लड़ना जयस का लक्ष्य नहीं है। उसकी मां और उसकी नव विवाहित पत्नी अकेली है। क्या उसे जयस की अंदरूनी राजनीति में डालकर उसके पक्ष में सभी जयस के कार्यकर्ताओं को एक होकर को खड़ा नहीं होना चाहिए।