DHAR. यहां कारम नदी पर 304 करोड़ के निर्माणाधीन डैम में 12 अगस्त को दरार आ गई थी। इसके चलते धार और आसपास के जिले ही नहीं मध्य प्रदेश में हड़कंप मच गया। बांध निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने 3 महीने पहले इसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर सरकार के सीनियर अफसरों को करने का दावा किया, लेकिन उस पर कोई जांच नहीं करने का आरोप लगाया।
निर्माण के तरीके पर सवाल
बांध का निर्माण मिट्टी में बड़े-बड़े पत्थरों को दबाकर किया गया है। इससे बांध की दीवार पर दबाव बढ़ने पर उसके टूटने की आशंका ज्यादा हो सकती है। इससे बांध के निचले इलाके में आने वाले हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ने की बात कहते हुए जांच करने की बात कही गई है। इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से मामले में ना तो जांच शुरू की गई और ना ही शिकायतकर्ता को कोई संतोषजनक जवाब दिया गया।
मौके से डैम की जानकारी शिवराज सरकार के मंत्री ने दी
धार में क्षतिग्रस्त डैम से सरकार के रिपोर्टर की भूमिका में जानकारी देते जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट। @tulsi_silawat @CMMadhyaPradesh @OfficeOfKNath @BJP4India @BJP4MP @INCMP @JansamparkMP @anandpandey72 @harishdivekar1 pic.twitter.com/BqqAuLkEBx
— TheSootr (@TheSootr) August 13, 2022
एक्सपर्ट्स ने बताई ये 5 वजहें
1. इंजीनियर दीवार डिजाइन करते समय इस बात को भूल गए कि उस मिट्टी की दीवार पर सीधे पहाड़ का पानी आएगा, जो उसे कमजोर कर सकता है, इससे निपटने के लिए इंतजाम नहीं थे।
2. बारिश से पहले काम पूरा करने के लिए मिट्टी को ठीक से कूटा नहीं किया। इसी वजह से मिट्टी की दीवार में लीकेज शुरू हो गया।
3. इंजीनियरों ने ठेकेदार से काम जल्दी में पूरा करने के लिए तो कहा, लेकिन इसकी गुणवत्ता की मॉनिटरिंग नहीं की। यह भी नहीं देखा कि मिट्टी को सही तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं और मिट्टी की मजबूती (स्ट्रैंथनिंग) की गई है या नहीं।
4. जिस दीवार में लीकेज हो रहे हैं, उसका आधा हिस्सा ठीक तरीके से बनाया गया, लेकिन आधे हिस्से को जल्दबाजी में तैयार करने से ये नौबत आई।
5. जल्दबाजी में इस बात का ख्याल भी नहीं रखा कि यहां पानी को अवशोषित करने वाली काली मिट्टी की जरूरत थी, यहां आसपास की कच्ची और मुरम वाली मिट्टी बिना एसेसमेंट के भर दी गई।
कहां है डैम, कब बनना शुरू हुआ था?
कारम मध्यम सिंचाई परियोजना धार जिले के कोठीदा गांव में है। 2018 में शिलान्यास और भूमिपूजन धार जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री अंतर सिंह आर्य ने किया था। इस बांध को विंध्याचल रेंज की पहाड़ी को दो तरफ से जोड़कर कारम नदी पर बनाया जा रहा है। डैम का हिस्सा नालछा, मांडू, भारूडपुरा, बगड़ी की पहाड़ी से लगा हुआ है। महू-मानपुर से निकलने वाली अजनार नदी आगे चलकर कारम नदी में मिलती है। डैम का निर्माण दिल्ली की कंपनी एएनएस कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. कर रही है। 10 अक्टूबर 2018 से बन रहे इस डैम को 36 महीने में बनकर पूरा होना था। हालांकि, कोरोना काल के चलते दो साल इसका काम बंद रहा।