GWALIOR. कल रक्षाबंधन है। इस समय बाज़ारों में खरीददारी की रंगत है लेकिन ज्योतिषियों में इस बात को लेकर मतभेद है कि रक्षा बंधन के दिन राखी कब बाँधी जाए ? ग्यारह अगस्त को सुबह से भी भद्रा लग जायेगी ,विवाद इसी के कारण उत्पन्न हुआ। कुछ ज्योतिषी भद्रा में शुभ कार्य निषिध्द मानते है जबकि अनेक नामी ज्योतिषियों का कहना है जबकि इस बार भद्रा का वाश पाताल लोक में है इसलिए रक्षाबंधन पर इसका कोई असर नहीं रहेगा।
जाने - माने ज्योतिषी पंडित गिर्राज शरण शर्मा ने " दी सूत्र " से कहाकि रक्षा बंधन का श्रेष्ठ समय रक्षाबंधन का दिन यानी ग्यारह अगस्त को ही है। इस दिन सुबह 6 . 25 बजे से श्रवण नक्षत्र शरू हो जाएगा और आठ बजे से पूर्णिमा लग जायेगी। राखी बाँधना श्रवण नक्षत्र में पूर्णिमा को ही श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए सभी लोगों को आराम से पूरे दिन रक्षा बंधन मनाना चाहिए। खिन कोई दिक्कत या अवरोध नहीं हैं।
उनका कहना है कि भद्रा को लेकर कुछ ज्योतिषियों ने लोगों को भ्रमित कर दिया है। जबकि ज्योतिष शास्त्र कहता है कि मेष,मकर,वृष,कर्क स्वर्गे। इसका मतलब है कि जब इन पर चन्द्रमा गोचर में होता है तो उस समय भद्रा स्वर्ग में होती है। इसलिए यह भद्रा प्रत्येक शुभ कार्य में मान्य है इसका कोई दोषपूर्ण फल नहीं होता। उनका कहना है कि लोग 11 अगस्त को सुबह साढ़े छह बजे से रात साढ़े दस बजे तक निश्चिन्त होकर राखी बंधवाएं ,इसमें कहीं कोई दोष नहीं है। लेकिन 12 अगस्त को पंचक लग जाने से रक्षाबंधन निषिध्द है।
लेकिन ज्योतिषाचार्य डॉ एच सी जैन का कहना है कि रक्षा बंधन पर्व के दिन इस बार भद्रा रहेगी। इस बार 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 10. 38 से 12 अगस्त को सुबह सात बजकर पांच मिनिट तक है। भद्रा आठ बजाकर पचास मिनिट पर समाप्त हो जायेगी। इसके बाद रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त है।
जबकि एक अन्य ज्योतिषी डॉ ए के बाजपेयी भी मानते है कि पूर्णिमा का उदय काल 11 अगस्त कोसुबह से है इसलिए पूरे दिन रक्षा बंधन मनाया जाएगा।
ये उपाय कर सकते हैं
डॉ वाजपेयी का कहना है कि यदि लोगों के मन में भद्रा को लेकर कोई शंका हो तो उसके निवारण के लिए पूर्णिमा रक्षा बंधन केदिन सुबह 7 बजाकर 40 मिनिट से पहले अपने पूरे घर में एक कलश में पानी और गंगाजल मिलाकर रखें। घी का दीपक जलाएं। रक्षा बंधन पर लाये गए धागे राखे - धागे ,मिठाई इत्यादि सामग्री भगवान् श्री कृष्ण को अर्पित करें। इसके बाद पूरे दिन त्यौहार हैं।