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भोपाल. इंदौर कोर्ट ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू को 1 साल की सजा सुनाई है। हालांकि धारा 325 के तहत सजा होने के चलते सभी आरोपियों की जमानत प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। ये फैसला इंदौर की जिला अदालत ने सुनाया। आपको बता दें कि ये मामला 11 साल पुराना है। मारपीट के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत 6 आरोपियों को 1-1 साल की सजा दी गई है। इसके साथ ही 5-5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। दिग्विजय सिंह ने मीडिया से कहा कि वह इस मामले में अपील करेंगे।
वकील ने कहा- हाईकोर्ट में अपील करेंगे: एडवोकेट राहुल शर्मा ने बताया कि यह उज्जैन का प्रकऱण है। किसी कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह व अन्य जा रहे थे। रास्ते में भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर गाड़ी रोकी। जेड प्लस सुरक्षा के बीच में घुसे। शुरुआत में दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गु्ड्डू, महेश परमार आदि का नाम नहीं था, इनको बाद में मुलजिम बनाया गया। 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिल चुकी है। हम ऊपर अपील करेंगे।
11 वर्ष पुराने प्रकरण में जिसमें मेरा नाम FIR में भी नहीं था राजनीतिक दबाव में बाद में जोड़ा गया, मुझे सज़ा दी गई।
मैं अहिंसा वादी व्यक्ति हूँ हिंसक गतिविधियों का सदैव विरोध करता रहा हूँ।
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— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 26, 2022
तीन आरोपी बरी हुए: उज्जैन में 11 साल पहले दिग्विजय सिंह को भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए थे, जिसमें दिग्विजय सिंह सहित पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, अनंतनारायण, जयसिंह दरबार, असलम लाला, दिलीप चौधरी के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। 17 जुलाई 2011 की इस घटना में 26 मार्च को इंदौर जिला अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश नाथ की कोर्ट ने फैसला सुनाया है। दिग्विजय सिंह और प्रेमचंद गुड्डू को धारा 325 व 109 का दोषी माना गया है तो शेष अन्य चार आरोपियों को धारा 325 में दोषी करार दिया गया है। इस मामले में तीन अन्य आरोपी थे, जिन्हें अदालत ने बरी कर दिया है।