Bhopal. मध्यप्रदेश में इन दिनों मुकदमें के इर्द-गिर्द सियासत घूम रही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ फेब्रिकेटेड वीडियो बनाकर ट्विटर पर पोस्ट करने पर एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए पुलिस कमिश्नर भोपाल को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए दिग्विजय सिंह बीजेपी सहित शिवराज सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं क्योंकि हाल ही में दिग्विजय सिंह पर एक गलत ट्वीट करने पर केस दर्ज हुआ है।
राहुल गांधी के सहारे शिवराज सिंह पर वार
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोशल मीडिया पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का एक कूटरचित वीडियो बनाकर 16 मई 2019 को पोस्ट किया गया था। ये सीएम शिवराज का एक आपराधिक कृत्य है। इस पत्र के साथ सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर पोस्ट किए गए वीडियो को भी संलग्न कर भेजा गया है। एक वरिष्ठ राजनेता और मध्यप्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी द्वारा मंदसौर में दिए गए भाषण के साथ छेड़छाड़ की और प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ जननेता का फेब्रिकेटेड वीडियो बनाकर ट्वीटर पर पोस्ट किया था।
शिवराज जी का झूठा फेक विडियो व सही विडियो कृपया देखें जिसमें राहुल गॉंधी की छवि बिगाड़ने का पूरा प्रयास किया गया है। आज तक उसे जानते हुए भी कि यह फेक विडियो है डिलीट नहीं किया गया।
क्या यह अपराध नहीं है?
@INCMP
@BJP4MP
@INCIndia
@BJP4India pic.twitter.com/xqyvRKZnO4
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 12, 2022
फेब्रिकेटेड वीडियो का लिंक भी बताया
एडिटेड वीडियो बनाकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी सहित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा जैसे पिछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नेताओं का मजाक बनाते हुए उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंचाई थी, ऐसा दिग्विजय सिंह द्वारा कहा गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का मूल वीडियो भी पत्र के साथ कमिश्नर को भेजी। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के ट्विटर अकाउंट https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1128894087413633024 का वह लिंक भी पत्र में उल्लेखित किया गया, जिस पर वीडियो अपलोड किया गया था। पत्र में कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा इस तरह वीडियो से छेड़छाड़ करना अपराध की श्रेणी में आता है। प्रदेश में कानून सबके लिए बराबर है। वह प्रदेश का आम नागरिक हो या मुख्यमंत्री के पद पर बैठा राजनेता हो। प्रदेश में वॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर मूल वीडियो से छेड़कर वीडियो बनाकर पोस्ट करने के मामले में केस दर्ज करने के लिए कहा। सोशल मीडिया पर फेब्रिकेटेड वीडियो और असत्य टिप्पणी पोस्ट करने मामले में शिवराज सिंह चौहान के विरुद्ध आई.टी. एक्ट के तहत साइबर क्राइम एवं आई.पी.सी. की सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की मांग की।