देव श्रीमाली, Gwalior. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की कानूनी दिक्कतें फिर बढ़ गई है। मानहानि संबंधी एक बन्द हो चुके मामले को कोर्ट ने फिर से शुरू करने का आदेश दिया है। मामला 31 अगस्त 2019 से जुड़े एक मामले का है। इस दिन भिण्ड दौरे के समय दिग्विजय सिंह ने भाजपा और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया था कि वे पैसे लेकर आईएसआई के लिए जासूसी करते हैं। इसको लेकर भाजपा से जुड़े एडवोकेट अवधेश सिंह भदोरिया ने 3 सितंबर 2019 को उनके खिलाफ प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां मानहानि का केस दायर किया था लेकिन कोर्ट ने यह कहकर इसे खारिज कर दिया था कि पूर्व मुख्यमंत्री ने श्री भदोरिया के विरुद्ध व्यक्तिगत टिप्पणी नही की है। इसके विरुद्ध श्री भदौरिया ने सत्र न्यायालय में अपील की गई इस पर उसने निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर फिर से सुनवाई करने के आदेश दिए है। अब इस केस की सुनवाई के लिए 30 मई की तारीख मुकर्रर की गई है।
अपील में ये दिया गया तर्क
दायर की गई इस अपील में अपीलकर्ता द्वारा तर्क दिया गया है कि दिग्गी ने राजनीतिक वजहों से निराधार और असत्य आरोप लगाकर भारतीय जनता पार्टी और बजरंग दल जैसे संगठनों की छवि धूमिल करने का प्रयास किया है। वही दिग्विजय सिंह की ओर से अभिभाषक द्वारा तर्क दिया गया था उन्होंने अपने बयान का प्रसार नही किया यह उनका व्यक्तिगत विचार है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यककर्ताओं के बीच अपनी निजी राय ही प्रस्तुत की है लेकिन सत्र न्यायालय ने उनके इन तर्को को अस्वीकार करते हुए कहाकि आईपीसी की धारा 499 के स्पष्टीकरण 2 के अनुसार किसी कम्पनी ,संगम या व्यक्तियों के बारे में वैसी हैसियत में कोई भी लांछन लगाना मानहानि की श्रेणी में आता है।