Bhopal. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह 11 अप्रैल को ग्वालियर सेंट्रल जेल गए थे। यहां उन्होंने SI की हत्या की कोशिश प्रयास में बंद NSUI के जिलाध्यक्ष शिवराज यादव से मुलाकात की थी। अब इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने सख्त रवैया दिखाया है। 12 अप्रैल को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जेल सुपरिंटेंडेंट मनोज साहू को सस्पेंड करने का आदेश दिया। इसी दिन दोपहर मनोज साहू के सस्पेंशन का बाकायदा आदेश भी जारी कर दिया गया।
नरोत्तम ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि दिग्विजय सिंह 10 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। मैं समझता था कि उन्हें नियम प्रक्रिया का ज्ञान होगा कि जेल के अंदर के फोटो वायरल नहीं किए जाते।
मुलाकात के दौरान ये हुआ था
एनएसयूआई नेता के साथ मुलाकात के दौरान नियमों को ताक पर रखा गया। दिग्विजय अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे और जेलर के केबिन में ही आरोपी से मुलाकात की। इसकी फोटो, वीडियो भी सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों ने ही वायरल किया था।
सरकार ने लगाई अफसरों की क्लास
मुलाकात की शिकायत गृह विभाग और CM हाउस तक गई। जानकारी के मुताबिक, नरोत्तम ने सेंट्रल जेल के अफसरों की क्लास ले ली है। असल में मुद्दा मुलाकात से ज्यादा बीजेपी-कांग्रेस का हो गया है और जेल प्रबंधन के पास इसका कोई जवाब नहीं है। 11 अप्रैल को दिग्विजय सिंह एक दिन के लिए ग्वालियर आए थे। सुबह वे मुरार में दलित परिवारों से मिलने के बाद सेंट्रल जेल पहुंचे थे।
इसलिए जेल में है NSUI नेता
NSUI जिलाध्यक्ष शिवराज यादव लगातार शहर में बीजेपी के खिलाफ सक्रिय थे। कुछ दिन पहले एक प्रदर्शन के दौरान फूलबाग पर वह सीएम का पुतला दहन कर रहे थे, तभी वहां इंदरगंज के सब इंस्पेक्टर गौतम ने पुतला छीनने की कोशिश की। सब इंस्पेक्टर का आरोप है कि शिवराज और उसके साथियों ने ‘इसे मार दो’ कहते हुए पुतला उन पर फेंक दिया।
एसआई काफी झुलस गए थे। दिल्ली में उनका इलाज चला। इस मामले में पुलिस ने NSUI जिलाध्यक्ष शिवराज यादव समेत कई लोगों पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया। तब से ही NSUI जिलाध्यक्ष जेल में है। हालांकि, कांग्रेस मामले को एक्सीडेंट बता रही है।