आलीराजपुर. जोबट विधानसभा (Jobat Assembly) उपचुनाव (Bye-election) में कांग्रेस (Congress) की हार (Defeat) से पार्टी (Party) में असंतोष व्याप्त है। आदिवासी बहुल (Tribal majority) अलीराजपुर (Alirajpur) और झाबुआ (Jhabua) जिले के दो बड़े कांग्रेस नेता खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। अलीराजपुर के जिला कांग्रेस अध्यक्ष और उप चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार रहे महेश पटेल (Mahesh Patel) ने हार के बाद कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) और उनके परिवार को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसी बात को लेकर कांतिलाल भूरिया और पटेल के बीच जारी तनातनी अब जुबानी जंग में तब्दील हो गई है। जहां कुछ दिन पहले प्रेस कांफ्रेस कर भूरिया ने पटेल को चेतावनी देते हुए लट्ठ चलाने की बात कही थी। वहीं, अब महेश पटेल ने भूरिया का मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ बताकर, उन्हें पार्टी से बाहर करने की मांग की है।
भूरिया ने पटेल को दी थी चेतावनी : पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा थी कि ज्यादा पी रखी थी क्या, प्रूफ लाए नहीं तो हमारा लट्ठ चलेगा। चुनाव में मैं प्रचार नहीं करता, तो पटेल की जमानत जब्त हो जाती। चुनाव हारे तो अपने कर्मों से हारे, इसमें हम क्या करें। भूरिया ने आगे कहा था कि पटेल परिवार के साथ हमारी सहानुभूति रही है। स्व. वेस्ता पटेल को मैंने विधायक और कॉपरेटिव बैंक का अध्यक्ष बनवाया था। और मैंने ही मुकेश पटेल को विधायक बनवाया था। अब ऐसे गद्दार लोग इस तरह की बातें कर रहे, जो किसी के गले नहीं उतर रही।
महेश पटेल ने भूरिया को बताया मानिसक बीमार : 27 दिसंबर को पटेल समर्थकों ने बयान को आपत्तिजनक बताते हुए अपनी ही पार्टी के विधायक भूरिया का पुतला फूंक दिया। वहीं कांतिलाल भूरिया के इन आरोपों के बाद महेश पटेल भी खुलकर मैदान में आ गए हैं। महेश पटेल, भूरिया परिवार पर जमकर हमले कर रहे हैं। उन्होंने भूरिया को मानसिक तौर पर बीमार बताते हुए पार्टी से बाहर करने की मांग कर दी। कांगेस जिला अध्यक्ष पटेल ने कहा कि मुझे पार्टी ने टिकिट दिया था और भूरिया की वजह से चुनाव में मेरे हार हुई है। उनकी वजह से पार्टी कमजोर हुई है इसलिए भूरिया को तत्काल पार्टी से निकाल दिया जाए, क्योकि उनका मानिसिक संतुलन बिगड़ चुका है।
ये राजनीतिक रंजिश है बहुत पुरानी : पटेल और भूरिया परिवार के बीच ये लड़ाई नई नहीं है। पटेल परिवार का आरोप है कि भूरिया के कारण पूर्व विधायक वेस्ता पटेल की राजनीति आगे नहीं बढ़ पाई। क्योंकि वेस्ता पटेल का रास्ता भूरिया ने रोका। जोबट उप चुनाव के बाद पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सामने यह आरोप लगाया था कि भूरिया परिवार की वजह से पार्टी की हार हुई है। तभी से दोनों नेताओं के बीच तल्खी साफ देखाई देने लगी थी। लेकिन अब हालत आपत्तिजनक बयानबाजी तक पहुंच गए हैं। दोनों तरफ से जिस तरह के निजी हमले किए जा रहे है उसे देखते हुए नहीं लगता की झाबुआ में कांग्रेस की यह कलह जल्दी थमने वाली है।