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GWALIOR News. नगर निगम चुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने -अपने प्रत्याशी पदों के लिए सभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। लेकिन प्रचार अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है इसकी बजह है बागी। विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कल शाम केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भी जमकर हंगामा किया। सिंधिया बीती शाम ग्वालियर आये और पार्टी की मीटिंग में गए। इस मीटिंग में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही निगरानी भी राखी गयी बैठक में अपेक्षित नेताओं के अलावा सिर्फ पार्षद पद के प्रत्याशियों को ही एंट्री दी गयी। लेकिन सिटी सेंटर स्थित होटल में जैसे ही बैठक खत्म करने के बाद सिंधिया बाहर निकले वार्ड पचास के नाराज बीजेपी कार्यकर्ता वहां पहुँच गए और सिंधिया को घेर लिया। यहाँ पार्टी के कार्यकर्ता डॉ एएस कुलश्रेष्ठ और राम कुमार झा ने तल्ख़ शब्दों में अपना विरोध दर्ज कराया। ये बोले - हम लोग पार्टी के मूल कार्यकर्ता हैं। पार्टी के पैनल और सर्वे में त्रिलोक चंद्र राठौर और गोपाल झा का नाम था लेकिन इसे दरकिनार कर बाहर के प्रत्याशी को टिकट दे दिया गया। वह खुद वार्ड 43 से दावेदारी कर रहा था। लेकिन वहां कांग्रेस प्रत्याशी से आपसी सांठगांठ के चलते वे वहां से चुनाव लड़ने की जगह यहाँ आ गए। स्मरण रहे इस वार्ड से बीजपी ने सिंधिया समर्थक को प्रत्याशी बनाया है।
पंजाबी समाज ने घेरा
इसके बाद पंजाबी समाज के लोग वहां पहुंच गए और उन्होंने कहा कि शहर में पंजाबी समाज शुरू से ही खुलकर बीजेपी के साथ रहता है लेकिन इस बार पार्टी ने इस पूरे समाज को ही दरकिनार कर दिया। पार्षद का एक भी टिकट नहीं दिया।
सिंधिया बोले -बात करेंगे
इनकी बात सुनने के बाद सिंधिया ने नाराज लोगो को आश्वस्त किया कि वे इन मामलों पर स्थानीय नेतृत्व से बातचीत कर उनकी बात वहां तक पहुंचाएंगे।
पूर्व पार्षद का इस्तीफा
बीजेपी के पुराने नेता और पार्षद रह चुके राजेंद्र जैन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा सीधे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा को भेजा। वे वार्ड 31 से अपने भाई की पत्नी के लिए टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने पूर्व पार्षद अंजलि रायज़ादा को प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने इससे नाराज होकर स्वयं पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी अनुज वधु को निर्दलीय मैदान में उतार दिया।
पार्टी के कार्यकर्ता नहीं फिर दे दिया टिकट
उधर बीजेपी के नेताओं ने सांसद शेजवलकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलकर वार्ड नंबर चार और 31 के कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि इन वार्डों में जिन लोगों को पत्याशी बनाया गया है ये बीजेपी के सदस्य ही नहीं हैं इसके अलावा आरोप लगाया कि वार्ड चार के प्रत्याशी के परिवार का पारिवारिक अतीत आपराधिक है। इस बात की जानकारी होने के बावजूद मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हुए इन्हे टिकट दिया गया।
कांग्रेस में भी कम नहीं है घमासान
कांग्रेस में भी नाराजी,बगावत और घमासान कम नहीं है साथ ही दो वार्ड में प्रत्याशियों के नामांकन ही कानूनी पचड़े में फंसने से नयी दिक्कत पैदा हो गयी है। वार्ड 54 में कोंग्रेसने विधायक और पूर्व मंत्री लाखन सिंह की बहू उपासना यादव को टिकट दिया है। वे अब तक दूसरे वार्ड से पार्षद थीं लेकिन किरार वोटों की बहुतायत के चलते वे इस वार्ड में शिफ्ट हो गयी इससे स्थानीय नेता नाराज है। इसके खिलाफ कांग्रेस नेता ओम प्रकाश सिकरवार,भूपेंद्र भदौरिया ,शैलेन्द्र और संतोष ने बागी होकर निर्दलीय नामांकन भरकर मुसीबत कड़ी कर दी है। यह वार्ड सामान्य है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इससे सामान्य प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं जिसके चलते दोनों दलों के सामान्य कार्यकर्ताओं में खासा असंतोष है। इसी तरह से वार्ड 18 में बगावत करके गिरजा,खुशबू शर्मा,डॉली ,श्यामवती सिंह,ममता शर्मा ने फ़ार्म भरे है वहीं वार्ड 24 से आशीष, हरविलास मनीष ,मोनू रजक,पोप सिंह,और विनय वर्मा तथा वार्ड 51 में दीक्षा दुबे ,प्रेमलता जैन ,शायना और विमला पाल ने नामाँकन डालकर कांग्रेस को संकट में डाल दिया है।
मनाने का जिम्मा अशोक सिंह को सौंपा
उधर प्रदेश कांग्रेस ने बागी उम्मीदवारों से बात करने और उनकी नाराजी दूर का असंतोष खत्म करने का जिम्मा ग्वालियर में पीसीसी के कोषाध्यक्ष और ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अशोक सिंह को सौंपा है। वे चार बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके है। वे नाराज लोगों के मान मनौव्वल में जुटे है।
प्रत्याशियों के प्रमाणपत्रो पर फंसा पेंच
इनके अलावा भी कांग्रेस की दिक्क्तें कम नहीं हैं मसलन तीन घोषित प्रत्याशियों के किसी न किसी दस्तावेज को लेकर दिक्कत है। वार्ड 36 से कांग्रेस ने प्रणीता सिंह को प्रत्याशी बनाया है लेकिन पर्याप्त दस्तावेजों के न होने के चलते परिणीता का नामांकन जांच में प्रशासन ने रद्द कर दिया। अब कांग्रेस की तरफ से नामांकन करने वालीं नीतू चौहान और सुनीता नरवरिया के नाम पीसीसी भेजे है। इनके सिंबल आयने के बाद स्थिति साफ़ होगी.
इसी तरह वार्ड चार और छह में आशा राय और प्रभूदयाल बाथम के नामांकन के साथ लगाए गए प्रमाण पत्रों पर जांच में प्रशासन ने आपत्ति लगा दी है। अब इन वार्डो में भी प्रत्याशी बदलना है सो जिन्होंने पार्टी के नाम पर नामांकन किया है उनमे से छांटकर नाम पीसीसी भेजकर इनके लिए सिम्बल अलॉटमेंट का पत्र मंगाकर देना है।