Ashoknagar. अशोकनगर में आदिवासी समुदाय की नवनिर्वाचित महिला जिला पंचायत सदस्य को अवैध रूप से बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। महिला के पति ने मामले की शिकायत कलेक्ट्रेट पहुंचकर पुलिस और अधिकारियों से की है। दरअसल त्रिस्तरीय जिला पंचायत चुनाव में अजब-गजब रंग देखने को मिल रहे हैं। सदस्य के निर्वाचन के बाद अब अध्यक्ष चुना जाना है। इससे पहले ही सदस्यों की घेराबंदी शुरू हो गई है। अशोकनगर जिला पंचायत के वार्ड 6 से निर्वाचित हुई भुरिया बाई आदिवासी के पति ने एक अन्य सदस्य शशि रघुवंशी के पति शिवराम रघुवंशी पर आरोप लगाया है की मेरी पत्नी को सम्मान कराने की बात बोलकर गांव से बुला ले गए और तब से वह घर वापस नहीं आई हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए वोट डालने के लिए ही भुरिया बाई को योजनाबद्ध तरीके से बंधक बना कर रखा गया है लेकिन शाम होते होते मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जिन भुरिया बाई को बंधक बनाने की शिकायत हुई है उनका वीडियो सामने आया है जिसमे कहा जा रहा है कि वे घूमने के लिए गई हैं। साथ ही जिस सदस्य के पति शिवराम रघुवंशी पर आरोप लगाया गया है उनका भी वीडियो सामने आया है जिसमें वे इन आरोपों को निराधार बता रहे हैं। उन्होंने सभी आरोपों का खंडन करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। बहरहाल मामला साफ तौर पर अध्यक्ष पद की वोटिंग से जुड़ा हुआ है। देखना होगा कि आगे यह मामला और क्या मोड़ लेता है।
चर्चाओं का बाजार गर्म
शिकायतकर्ता ने एक सीडी भी पुलिस अधिकारियों को दी है जिसमें निर्वाचित सदस्य के पति का दावा है कि उनकी पत्नी से बातचीत कराने के लिए वे संबंधित व्यक्ति से मिन्नतें कर रहे हैं लेकिन उनकी बात को अनसुना किया जा रहा है। संबंधित व्यक्ति के आरोपों और सीडी में कितनी सधााई है यह तो जांच के बाद साबित होगा लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से जिले के राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
सदस्यों की चल रही खरीद फरोख्त!
सूत्रों की मानें तो जिपं चुनाव में जहां जीत दर्ज करने के लिए प्रत्याशियों ने करोड़ों रुपए खर्च कर डाले वहीं अब अध्यक्ष पद के दावेदारों द्वारा अपने स्तर पर ऑफर दिए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो आफर की रेट एक करोड़ रुपए और एक गाड़ी तक पहुंच गई है। हालाकि इस बार निकाय और पंचायत दोनों की चुनावों में लोकतंत्र की हत्या नोट और बाहुबल से हुई है। वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि इन चुनावों में करोड़ों रुपए बंटने के बाद भी कानूनन कोई बड़ा मामला निर्वाचन अधिकारियों की पकड़ में नहीं आया है। दूसरी और एसडीओपी बिन्दुसार सिंह भदौरिया ने बताया कि आवेदन रणवीर सिंह की तरफ से आया है। उसकी जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।