BHOPAL : भमौरा गांव के विक्रम भालेश्वर बने जिला पंचायत सदस्य, कसम खाई थी कि जब तक चुनाव नहीं जीतेंगे तब तक नहीं पहनेंगे जूते-चप्पल

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Rahul Garhwal
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BHOPAL : भमौरा गांव के विक्रम भालेश्वर बने जिला पंचायत सदस्य, कसम खाई थी कि जब तक चुनाव नहीं जीतेंगे तब तक नहीं पहनेंगे जूते-चप्पल

BHOPAL. भोपाल के भमौरा गांव से वार्ड-8 के जिला पंचायत सदस्य 7 सालों बाद जूते-चप्पल पहनेंगे। वे इस बार 3 हजार 137 वोटों से जीते हैं। 7 साल पहले वे 62 वोटों से चुनाव हार गए थे, इसके बाद उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक चुनाव नहीं जीतेंगे वे जूते और चप्पल नहीं पहनेंगे।



नंगे पैर ही किया चुनाव प्रचार



विक्रम भालेश्वर ने इस चुनाव को जीतने के लिए बहुत मेहनत की। उन्होंने नंगे पैर ही चुनाव प्रचार किया। वे 132 गांवों में नंगे पैर ही घूमे। उनका कहना था कि वे चुनाव जीतने के बाद ही जूते-चप्पल पहनेंगे। इससे पहले उन्होंने 2015 में पंचायत चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गए थे। 2010 के पंचायत चुनाव में भी उन्होंने किस्मत आजमाई थी लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा।



'जनता को भगवान मानकर नंगे पैर गया'



विक्रम भालेश्वर 38 साल के हैं और उन्होंने MA तक पढ़ाई की। उनका कहना है कि हम जैसे धार्मिक स्थलों पर नंगे पैर जाते हैं। जनता उनके लिए भगवान के समान है, इसलिए वे जनता के पास नंगे पैर गए। विक्रम पिछले 7 सालों से गांवों में सक्रिय रहा। एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरे और जनता ने जीत का आशीर्वाद दिया। विक्रम ने नंगे पैर ही जीत का प्रमाण पत्र लिया था।



जनता का आभार जताने के बाद पहनेंगे जूते-चप्पल



विक्रम भालेश्वर का कहना है कि वे पहले हर गांव में जाकर जनता का आभार जताएंगे। वे आभार जताने के लिए नंगे पैर ही जाएंगे। चुनाव में जीत दिलाने के लिए वे लोगों का आभार जताएंगे। 


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