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REWA. एमपी के रीवा जिले में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू (african swine flu in rewa) के अटैक से 2200 सुअरों की मौत हो गई है। जिला प्रशासन ने पशु चिकित्सा विभाग के साथ बैठक कर संक्रमित सुअरों को वैक्सीन लगाकर मारने का फैसला लिया है, जिसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि सुअर पालकों के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा दिया जाएगा। संक्रमण की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर दी है। देखते ही गोली मारने का आदेश भी दिया गया है।
किलिंग अभियान किया शुरू
रीवा की सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में वैसे अब तक एक मरीज ही मिला है लेकिन प्रशासन इसे खतरे की घंटी मान रहा है। कलेक्टर मनोज पुष्प ने पूरे जिले में सुअरों के परिवहन और मांस के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध के आदेश दिए हैं। यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी किया गया है। कलेक्टर ने संक्रमित सुअरों को मारने के लिए विशेषज्ञ दल गठित किया है, जो किलिंग अभियान चला रहा है। इधर इस संक्रमण का असर आबादी तक न पहुंचे इसके भी एहतियात बरते जा रहे हैं। सरकारी चिकित्सालयों को इसके लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
सुअर पालकों को मिलेगा मुआवजा
बड़ी संख्या में सुअरों की मौत होने के बाद सुअरों के सैंपल कलेक्ट किए गए, जिन्हें 15 अगस्त को जांच के लिए भोपाल भेजा गया था। 17 और 18 अगस्त को भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में सैंपलों की जांच की गई, जिसमें जानलेवा अफ्रीकन स्वाइन फीवर नाम के वायरस की पुष्टि हुई। यह वायरस असम, नागालैंड, उत्तर प्रदेश से होते हुए मध्यप्रदेश के रीवा में दस्तक दे रहा है। जानकारी के अनुसार सुअर मालिकों को 100 रुपए से लेकर 150 रुपए किलो वजन के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही सुअर पालकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए भी शासन-प्रशासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।