योगेश राठौर, INDORE. इंदौर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर यश सोनकिया की आंखों में रोशनी नहीं है लेकिन काम और हुनर ऐसा है कि माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनी के दिग्गज भी हैरान हो गए। आखिर वो अपने कोडिंग के हुनर की वजह से मध्यप्रदेश के पहले ऐसे दिव्यांग इंजीनियर बन गए जिसे माइक्रोसाफ्ट कंपनी ने 50 लाख का सालाना पैकेज दिया है।
SGSITS कॉलेज के स्टूडेंट हैं यश सोनकिया
एसजीएसआईटीएस के डायरेक्टर आरके सक्सेना ने बताया कि यश सोनकिया कॉलेज के पहले ऐसे स्टूडेंट है जिन्हें 50 लाख रुपए का पैकेज ऑफर किया गया है। यश से पहले एक स्टूडेंट का 44 लाख रुपए के पैकेज पर प्लेसमेंट हुआ था। यश ने साल 2021 में कम्प्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की थी। यश के पिता की जिला कोर्ट के पास नाश्ते की दुकान है। मां हाउसवाइफ है। घर में यश के अलावा उनका एक छोटा भाई और बहन भी है। मां योगिता सोनकिया ने बताया कि बेटे का सपना था कि वो एक बड़ी कंपनी में जॉब करें, आज ये पूरा हो गया।
आसानी से और बिल्कुल सटीक कोडिंग करते हैं यश
यश ने बताया कि ये उनकी पहली जॉइनिंग है। वे स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर की मदद से की-बोर्ड के जरिए पूरे कंप्यूटर को ऑपरेट करते हैं। जिससे वे आसानी से कोडिंग भी कर लेते हैं। इंटरव्यू के दौरान माइक्रोसॉफ्ट प्रंबधन ये देखकर चौंक गए कि यश दिव्यांग होने के बावजूद सामान्य लोगों की तरह ही आसानी से और बिल्कुल सटीक कोडिंग कर लेते हैं।
4 इंटरव्यू के बाद हुआ चयन
उनका प्लेसमेंट माइक्रोसॉफ्ट बेंगलुरु कैंपस के लिए हुआ है। प्लेसमेंट की प्रकिया अप्रैल महीने में शुरू हुई थी। अप्रैल-मई महीने में ऑफलाइन इंटरव्यू के तीन राउंड हुए। इसके बाद फाइनल राउंड ऑनलाइन हुआ। इंटरव्यू पूरी तरह से कोडिंग पर था।
दोस्त और यू-ट्यूब काम आए-यश
यश सोनकिया का कहना है कि दोस्तों ने हर कदम पर उनकी बहुत मदद की। दोस्तों की मदद और यू-ट्यूब के जरिए ही वे यहां तक पहुंच पाए हैं।