Jabalpur. जबलपुर में हुए आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े के मामले में मुख्य आरोपी डॉ अश्वनी पाठक को अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज ने भी निलंबित कर दिया है। बता दें कि डॉ पाठक यहां एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थे। एसपी दफ्तर से पहुंचे प्रतिवेदन के आधार पर डॉ पाठक पर यह कार्रवाई की गई है। मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ गीता गुइन ने भी डॉ पाठक को निलंबित किए जाने की पुष्टि की है। आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े के भंडाफोड़ के बाद डॉ पाठक सपत्नीक जेल में हैं।
न घर के रहे, न घाट के
इससे पहले आयुष्मान योजना का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद डॉ पाठक के सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल का स्वास्थ्य विभाग में पंजीयन रद्द हो चुका है, अस्पताल की सीजीएचएस और आयुष्मान योजना से संबद्धता रद्द की जा चुकी है। इसके अलावा डॉ पाठक दंपती पर पुलिस द्वारा धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने, साजिश रचने समेत अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के दागियों पर कार्रवाई का इंतजार
आयुष्मान योजना के इस फर्जीवाड़े में अस्पताल संचालय डॉक्टर दंपती और एकांटेंट कम मैनेजर तो जेल में हैं लेकिन इस फर्जीवाड़े के बिचौलियों समेत पूरे फर्जीवाड़े को प्रश्रय देने वाले एक भी प्रशासनिक अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहां तक कि आयुष्मान योजना के प्रभारी अधिकारी जांच में जुटी एसआईटी द्वारा तीन-तीन नोटिस दिए जाने के बाद भी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर फर्जीवाड़े में लिप्त शासकीय अधिकारियों पर कब कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने पर सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के ठीक सामने स्थित होटल वेगा पर छापेमार कार्रवाई की थी। जिसके बाद पूरे फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ था। जिसमें पिछले दो साल से आयुष्मान कार्डधारी छद्म मरीजों का छद्म इलाज कर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाए जाने का खुलासा हुआ।