GWALIOR. आमतौर पर हम जिन वस्तुओं को कबाड़ समझकर फेंक देते हैं, इन दिनों उन्हीं कबाड के सामानों से विभिन्न स्व सहायता समूह की महिलाएं घर का ड्राइंग रूम सजाने के लिए सुंदर-सुंदर सामान बना रहीं है, इसके साथ ही घरेलू उपयोग के लिए भी अनेक वस्तुएं इन कबाड़ के सामान से तैयार की जा रही हैं। इससे एक ओर तो कचरा का रीयूज हो रहा है, वहीं दूसरी ओर समूह द्वारा तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों की बिक्री से महिलाएं आर्थिक रुप से स़क्षम हो रहीं हैं।
जिनके पास खुद का ड्रॉइंग रूम उन्होंने बनाया ये सजावट का सामान
ये सामान उन गरीब महिलाओं ने बनाया है जिनके पास खुद कोई ड्रॉइंग रूम नहीं है। लेकिन इन महिलाओं को वालीं उपायुक्त सुश्री मिली अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल के निर्देशन में नगर निगम ग्वालियर द्वारा नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन का मूल मंत्र है 3 आर, जिसका अर्थ है किसी भी सामान का रीसाइकिल, रिडयूज एवं रीयूज यदि हम इसी मूल मंत्र को लेकर चलें तो कचरा अपने आप ही कम हो जाएगा। नगर निगम ग्वालियर द्वारा 3 आर मार्ट के फार्मूले पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न स्व सहायता समूह के माध्यम से शहर के घरों से निकलने वाले कबाड़ के सामान को एकत्रित कर उनके पुर्न उत्पाद बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिससे जहां स्वच्छता की ओर हम एक कदम बढा रहे हैं तो दूसरी ओर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी मिल रहा है। इसके लिए विभिन्न संसाधन महिलाओं को नगर निगम ग्वालियर द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
पेपर मेसी का सामान ख़ास डिमांड में
शहरी आजीविका मिशन के तहत 3 आर कियोस्क के माध्यम से रद्दी के इस्तेमाल से पेपर मेशी वर्क कर दीपावली के लिए अपने घरों को सजाने के लिए आकर्षक सामान बनाया जा रहा है जिनमे दीपक, सिंगरी, फ्लॉवर पॉट आदि शामिल है। इनकी इतनी डिमांड दीवाली पर है कि पूर्ति करना मुश्किल हो रहा है।