Ujjain. श्री महाकालेश्वर प्रबंध मंदिर समिति द्वारा संचालित निःशुल्क अन्नक्षेत्र के माध्यम से ही सरकार की पं. दीनदयाल रसोई योजना का संचालन होना था। पिछले दिनों राष्ट्रपति के आगमन के दौरान शहर में आए मुख्यमंत्री के हाथों शुभारंभ भी होना था, लेकिन ऐन वक्त पर योजना का शुभारंभ नहीं हो सका। इधर अब आचार संहिता लगने से मंदिर समिति द्वारा योजना संचालित हो सकेगी इस पर संदेह बना हुआ है। सरकार द्वारा श्रमिक तथा गरीब व जरूरतमंद लोगों के लिए पं.दीनदयाल रसोई योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को 5 रुपये में भरपेट भोजन कराया जाता है। उज्जैन में चार सेंटर नानाखेड़ा, फाजलपुरा, चिमनगंज मंडी तथा नृसिंह घाट क्षेत्र में योजना संचालित है। इस योजना को श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा संचालित निशुल्क अन्नक्षेत्र से जोड़कर संचालन किए जाने की पूरी तैयारी मंदिर समिति ने कर ली थी। योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री के हाथों 29 मई को होना था, लेकिन मुख्यमंत्री के समय नही देने से योजना का शुभारंभ नही हो सका। इधर 1 जून से आचार संहिता लगने के बाद अब अधिकारी भी कुछ नही कह पा रहे है। हालांकि यह योजना चार सेंटर पर एक समाजसेवी संस्था के माध्यम से संचालित होकर सेंटरों पर भोजन बनाकर वितरण किया जा रहा है। मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि योजना का शुभारंभ कार्यक्रम मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण नहीं हो सका। हमने पूरी तैयारी की हुई थी। अब योजना के संबंध में कलेक्टर ही बता सकते हैं।
29 मई को हो चुकी थी तैयारी
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित निःशुल्क अन्नाक्षेत्र के माध्यम से यह योजना शहर में चलाई जाना थी।29 मई को अन्नक्षेत्र में इसको लेकर पूरी तैयारी हो गई थी। योजना की शुरुआत नानाखेड़ा सेंटर से होना थी। मंदिर समिति द्वारा भोजन तैयार कर सेंटर तक पहुंचाना था। हालांकि यह जानकारी में नही है कि योजना के तहत 5 रूपए लिए जाना थे या नही। 29 मई को मंदिर समिति के अन्नक्षेत्र में योजना की शुरुआत करने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। शुभारंभ मुख्यमंत्री के हाथों होना था। इसकी शुरुआत नानाखेड़ा सेंटर से की जाना थी। अन्नक्षेत्र में भोजन बनाने की तैयारी भी थी। बाद में जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री ने समय नही दिया। इसलिए योजना का शुभारंभ नही हो सका है। हालांकि अब चुनाव की आचार संहिता लग चुकी है। ऐसे में शुभारंभ होगा या नहीं इसको लेकर कोई कुछ नहीं कह रहा है।