गोटेगांव में दुर्गोत्सव समिति के सदस्य की हुई नवरात्रि में मौत, पिता का दाह संस्कार कर बेटी ने फर्ज निभाया 

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Rajeev Upadhyay
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गोटेगांव में दुर्गोत्सव समिति के सदस्य की हुई नवरात्रि में मौत, पिता का दाह संस्कार कर बेटी ने फर्ज निभाया 

Narsinghpur, Brijesh Sharma. गोटेगांव में बड़ा पुल स्थित शक्ति स्थल की दुर्गोत्सव समिति के सक्रिय सदस्य रहे पंडित शैलेष दुबे ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि नवरात्र के पावन पर्व मां उन्हें इस लौकिक दुनिया से मुक्ति प्रदान करेंगी। नवरात्र की नवमीं पर उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। हालांकि उन्होंने जीवन भर जिस शक्ति की उपासना की उसी शक्ति की स्वरूप उनकी बेटी ने न केवल उनकी अर्थी को कांधा दिया बल्कि मुखाग्नि देकर उन्हें पंचतत्वों में विलीन भी कराया। 



जागृति नगर निवासी  शैलेश दुबे का हृदयघात होने से  गत  दिवस निधन हो गया, उनकी इकलौती संतान बेटी है। जिसने  अपने पिता के लिए बेटा और बेटी दोनों का कर्तव्य निभाकर उन्हें मुखाग्नि दी। पिता के निधन से दुखी इकलौती बेटी अनुष्का दुबे  पिता की अंतिम यात्रा में शामिल हुई श्मशानघाट में आंखों से छलक रहे आसुंओं के बीच इस बहादुर बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। बेटी को उसके पिता को मुखाग्नि देते देखकर वहां उपस्थित जनो की भी आंखें नम हो गई।



गोटेगांव के प्रतिष्ठित नागरिक समाजसेवी पंडित शैलेश दुबे का 58 वर्ष की आयु मे अचानक जबलपुर में इलाज के दौरान ह्रदयगति रुक जाने के कारण आकस्मिक निधन हो गया। पंडित शैलेशकुमार दुबे शक्ति स्थल बड़ा पुल दुर्गा उत्सव समिति के एक सक्रिय सदस्य थे। वे हर नवरात्र पर बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मां की आराधना में लीन रहते थे। उनकी मौत की खबर से दुर्गोत्सव समिति के सदस्यों में भी शोक झलक रहा है। 


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