सिंगरौली: NCL मुख्यालय को बैढ़न शिफ्ट करने की कवायद तेज, प्रबंधन की JCC से चर्चा

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Rahul Garhwal
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सिंगरौली: NCL मुख्यालय को बैढ़न शिफ्ट करने की कवायद तेज, प्रबंधन की JCC से चर्चा

अरविंद मिश्रा, Singrauli. सिंगरौली के मोरबा के नार्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) मुख्यालय को जिला मुख्यालय बैढ़न में शिफ्ट किए जाने की कवायद तेज हो गई है। देश के ऊर्जा उत्पादन में कोयला जरूरत के मद्देनजर कोयला खदानों का विस्तार किए जाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एनसीएल शीर्ष प्रबंधन ने कंपनी की संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) के साथ बैठक कर इस आशय की रायशुमारी कर चुका है। अब तो सिर्फ प्रस्ताव पर कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया से मंजूरी की मुहर लगना बाकी है।





अपनी तरह का एक अनूठा विस्थापन होगा





अगर ऐसा हो गया तो ये सिंगरौली क्षेत्र में अब तक होते चले आ रहे विस्थापन दर विस्थापन की श्रृंखला में अपनी तरह का अनूठा विस्थापन होगा। जिसके कारण एनसीएल मुख्यालय, एनसीएल की अनुशांगिक कंपनियों, आवासीय परिसरों में निवासरत केन्द्र और राज्य शासन के कर्मचारियों, दर्जनों शासकीय-अशासकीय स्कूलों, महाविद्यालयों, मोरबा बाजार और व्यापारियों एवं स्थानीय निवासियों सहित एक तरह से एक व्यवस्थित नगर के हजारों हजार लोगों को एक साथ राष्ट्र निर्माण की बेदी पर अपने अरमानों औक आशियानों को स्वाहा करना होगा।





एक अति आवश्यक बैठक का आयोजन





सूत्रों की मानें तो एनसीएल मुख्यालय को जिला मुख्यालय बैढ़न के बिलौंजी और आवासीय परिसर को हर्रई पूर्व में शिफ्ट करने की योजना पर विगत दिनों एक अति आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया। एनसीएल के शीर्ष प्रबंधन ने सीएमडी भोला सिंह और निदेशक मंडल की मौजूदगी में कंपनी की संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) सदस्यों के समक्ष इस आशय का प्रस्ताव रखा। रायशुमारी के दौरान बताया गया कि इसके लिए 20 मई को सीएमपीडीआईएल अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और इसके उपरांत आगे की कार्यवाही की जाएगी। रायशुमारी में यह चर्चा विशेष रही कि देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए कोयला खनन जरूरी है तो माइनिंग करनी होगी। उसके लिए जमीन चाहिए। क्योंकि जयंत और दुधिचुआं माइंस का फ्लो मोरबा बाजार और एनसीएल मुख्यालय की है, इसलिए समय से पूर्व जमीन उपलब्ध कराने के लिए तैयारियां करनी होगी।





एक साथ ही करना होगा अधिग्रहण





बैठक के दौरान प्रबंधन की ओर से तीन फेज में विस्थापन करने की योजना प्रस्तुत की गई। पहले फेज में 334 हेक्टेयर भूमि के अर्जन के लिए मेढौली, भगत सिंह कालोनी एरिया का अधिग्रहण, दूसरे फेज में 419 हेक्टेयर भूमि पर अर्जन प्रक्रिया के लिए एनसीएल मुख्यालय, नेहरू नगर क्षेत्र और तीसरे फेज में 273 हेक्टेयर भूमि का अर्जन कर मोरबा बजार और एनसीएल आवासीय परिसर का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखा गया। कंपनी के इस प्रस्ताव पर जेसीसी सदस्यों ने कहा कि यह माइनिंग प्रक्रिया है, हम इसे फेज वाइज या एरिया वाइज नहीं कर सकते। खनन के लिए ओवरवर्डन निष्कासन और ब्लास्टिंग जैसी प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसलिए टुकड़ों में भूअर्जन संभव नहीं है। सामूहिक भूअर्जन करना होगा और उसके लिए आगे बढ़ना होगा। हर्रई मे टाउनशिप के लिए 900 आवास तैयार करने होंगे। इसके लिए मल्टीस्टोरी आवास तैयार किए जाएंगे। बिलौंजी के ट्रामा सेंटर के सामने मुख्यालय का मल्टीस्टोरी भवन तैयार करने की भी चर्चा की गई। प्रस्ताव का प्लान तैयार कर बोर्ड को भेजा जाएगा और कोल इंडिया, कोयला मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद प्रकिया तेज कर दी जाएगी।



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