Bhopal. जैसे—जैसे विधानसभा चुनाव (assembly elections) नजदीक आते जा रहे हैं प्रदेश की राजनीति का पारा चढ़ता जा रहा है। संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) के बहाने बीजेपी—कांग्रेस (BJP-Congress) ने दलित एजेंडा शुरु कर दिया है। दरअसल ये वो वर्ग है जिसके पास सत्ता की चाबी होती है। अगले चुनाव में ये चाबी बीजेपी अपने पास रखना चाहती है तो कांग्रेस की कोशिश उसके परंपरागत वोट बैंक (Vote Bank) को वापस अपने पाले में लाने की है। अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) पर ये साफ नजर आया कि अनुसूचित जाति वर्ग (SC Category) के वोट बैंक की राजनीतिक दलों को कितनी आवश्यकता है।
सत्ता की चाबी आरक्षित वर्ग के हाथ में
प्रदेश में आरक्षित वर्ग की 82 सीटें हैं। इनमें से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति और 35 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। प्रदेश की राजनीति का इतिहास रहा है कि इस वर्ग ने जिसको समर्थन दिया है वही सत्ता पर काबिज हुआ है। यही कारण है कि इन सीटों को सत्ता की चाबी माना जाता है। 2013 में इन 35 सीटों में बीजेपी ने 28 सीटें जीती थीं। बीजेपी सरकार ने प्रदेश में सरकार बनाने की हैट्रिक बनाई। पिछले चुनाव यानी 2018 में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में 19 सीटें बीजेपी के खाते में आईं जबकि 16 सीटें कांग्रेस की झोली में चली गईं। यही नुकसान बीजेपी को भारी पड़ गया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। इसी गलती को ठीक करने के लिए बीजेपी अंबेडकर के बहाने फिर एससी वर्ग को लुभाने की कवायद शुरु कर दी। अंबेडकर जयंति पर बूथ से प्रदेश तक आयोेजन किए गए। सीएम ने भी एससी वर्ग के लिए खजाना खोलने की बात कही। शिवराज ने अंबेडकर के जन्मस्थान महू पहुंचकर उनको श्रद्वांजलि अर्पित की।
कांग्रेस स्थापित करेगी अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) भी महू पहुंचे। कमलनाथ ने यहां कहा कि प्रदेश में डॉ अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जो कि मानवता की प्रतीक होगी। इस प्रतिमा की स्थापना जनसहयोग की जाएगी। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी दलितों के नाम पर सिर्फ छलावा करती रही है। कांग्रेस ने एक वायरल आडियो का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए अधिकारियों ने भीड़ जुटाने का काम किया।