/sootr/media/post_banners/348b3af7759412b3cbcac0b0675a77496d525516552ae9aebc9a9849ac66b060.jpeg)
BHOPAL. मध्यप्रदेश में बिजली महंगी हो गई है। 3 महीने बाद बिजली वितरण कंपनियों की मांग पर मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने FCA में 10 पैसे की बढ़ोतरी की है। अब उपभोक्ताओं को बिजली बिल में हर यूनिट पर 10 पैसे ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। अगर आप 200 यूनिट बिजली जलाएंगे तो आपको 22 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे। बढ़ा हुआ बिल अगस्त में आएगा। 100 यूनिट तक बिजली जलाने वाले उपभोक्ताओं को 100 रुपए ही देने होंगे।
उपभोक्ताओं से FCA चार्ज भी वसूलती हैं बिजली कंपनियां
हर 3 महीने में बिजली वितरण कंपनियां नियामक आयोग से फ्यूल कास्ट का निर्धारण कराती हैं। FCA की दर बिजली बनाने में लगने वाले कोयले के परिवहन और फ्यूल की कीमतों के आधार पर निर्धारित होती है। बिजली वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं से बिजली दरों के अलावा FCA चार्ज भी वसूल करती हैं।
FCA क्या होता है ?
FCA यानि फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट की वो राशि है जो बिजली कंपनी ईंधन या कोयले की कीमत के आधार पर तय कराती हैं। कोयले और ईंधन की मांग और आपूर्ति के मुताबिक कीमत बदलती रहती है। इसलिए बिजली बनाने में लगने वाली लागत भी बदल जाती है। बिजली उत्पादन कंपनियां बिजली वितरण कंपनियों से इसकी वसूली करती हैं। इसलिए बिजली वितरण कंपनियां ये चार्ज उपभोक्ताओं से वसूलती हैं। FCA हर 3 महीने में निर्धारित किया जाता है।
1 साल में 33 पैसे महंगी हुई बिजली
पिछले एक साल में बिजली कंपनियों ने FCA में 33 पैसे की बढ़ोतरी की है। इससे पहले बिजली वितरण कंपनियां माइनस 17 पैसे FCA वसूल रही थीं। अब FCA 16 पैसे प्रति यूनिट है। इससे पहले इसी साल अप्रैल में बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई थी। बिजली की कीमतों में औसतन 2.64 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, वहीं घरेलू बिजली की दरों में 3 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी।