Jabalpur. मध्यप्रदेश विद्युत मंडल की बिजली कंपनियां अब रिटायर्ड अधिकारियों को पुनर्नियुक्ति देने की तैयारी कर रही है। जिससे नियुक्तियां न निकलने के कारण बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा। पूरा देश बेरोजगारी और महंगाई से परेशान है ऐसे में बिजली कंपनियों के इस कदम का विरोध करने एमपीईबी के अभियंता संघ ने बिगुल फूंक दिया है।
मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल अभियंता संघ के महासचिव इंजी. विकास कुमार शुक्ला ने बताया की विगत कई वर्षों से विद्युत कम्पनियों मे बढ़ती हुई अधोसंरचना एवं लगातार सेवानिवृत्ति से दिन.प्रतिदिन घटती अधिकारियों की संख्या के आधार पर संगठनात्मक.संरचना का नए सिरे से निर्धारण करने की मांग अभियंता संघ निरंतर करता आ रहा है, लेकिन कंपनी प्रबंधन द्वारा इस संबंध मे उदासीन रवैया ही अपनाया गया।संघ के संज्ञान में आया है कि कंपनियों के प्रबंधन द्वारा महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे अधिकारियों की सेवा में वृद्धि की जाना प्रस्तावित है, ऐसे अधिकारी अपने प्रादुर्भाव का इस्तेमाल करते हुए वापस बैक डोर से कंपनी में आना चाहते हैं, जिसका अभियंता संघ पुरजोर विरोध करता है ।
जहां एक ओर नित्य.नई तकनीक का विस्तार कर नए स्मार्ट.मीटर, नवीन पारेषण तकनीकें एवं सुपर क्रिटिकल विद्युत घरों का निर्माण किया जा रहा है, वहीँ ऐसे में अधिकारियों की को पुनर्नियुक्ति देना उचित प्रतीत नहीं होता है, इस हेतु कंपनियों के प्रबंधन द्वारा तर्क दिया जाता है की हमारे पास अनुभवी अधिकारियों की कमी है, जो कि पूर्णतः निराधार है । चूँकि कार्यपालक निदेशक, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता स्तर के पदों से अधिकारी की सेवानिवृत्ति पर उनसे कनिष्ट अधिकारियों को पदोन्नत, चालू प्रभार दिये जाने की परंपरा रही है। उन्हें प्रबंधन द्वारा अनुभवहीन बताया जाता है यह उनकी सक्षमता एवं कार्यकुशलता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
जहाँ कंपनियों में नवीन नियुक्तियां सहायक अभियंता कनिष्ट अभियंता के पदों पर ही किए जाने का प्रावधान है, जिससे प्रदेश के नवयुवकों को रोजगार मिलेगा। वही इस प्रकार से इन प्रदेश की युवा शक्ति का उपयोग भी होगा। अतः अभियंता संघ ने यह मांग की है कि इस प्रकार के अतार्किक प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए वरना वे उग्र आंदोलन करने बाध्य हो जाऐंगे।