GWALIOR .बिजली कम्पनी के इंजीनियर सरकार से बहुत नाराज है और वे अब वे लम्बी हड़ताल के मूड में आ गए हैं। उनका कहना है कि सरकार सहायक यंत्रियों की पदोन्नति नहीं कर रही है इससे वर्कलोड भी है और कार्य का स्तर भी ठीक नहीं रह पा रहा नतीजन उपभोक्ता के असंतोष का सामना भी करना पड़ रहा है। वे पंद्रह अक्टूबर से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर रहे है। उनकी धमकी है कि यदि इसके बाद भी उनकी मांगें नहीं मांगी गयीं तो फिर वे काम बंद हड़ताल भी करेंगे।
रिक्त पद भरे जाएँ
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है. अभियंता संघ ने ग्वालियर में एक पत्रकार वार्ता कर बताया कि उनकी लम्बे समय से मांग है कि विद्युत वितरण कंपनियों में सहायक यंत्री के रिक्त पद प्रमोशन से भरे जाएं और नई भर्ती नहीं की जाए। इसके साथ ही उनकी अहम् मांग ये भी है कि बिजली लाइन पर दुर्घटना होने पर धारा 304 ए के मामले कनिष्ठ यंत्री पर दर्ज न कराते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों को ही ट्रेनिंग देकर कार्य के लिए अधिकृत किया जाए ।
ठप्प करेंगे काम
बिजली कंपनी के अभियंता संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि विद्युत वितरण कंपनी की अलग-अलग शाखाओं में पदों में समानता नहीं है पश्चिम और मध्य क्षेत्र की कंपनी ने ही विद्युत अभियंताओं को अलग अलग नाम से पुकारा जा रहा है और अलग-अलग उपाधि दी जाती है ऐसे में सभी अभियंताओं को समरूप किया जाए इसके लिए अभियंता संघ द्वारा 15 सितंबर से 21 अक्टूबर तक आंदोलन चलाएगा . मध्यप्रदेश विद्युत अभियंता संघ के प्रांतीय सचिव के के आर्य ने बताया कि 21 अक्टूबर के बाद भी यदि सरकार ने अभियंता संघ मांगे पूरी नहीं की तो इंजीनियर काम बंद भी कर सकते हैं।