Guna. गुना में बमौरी इलाके के ग्राम पंचायत मगराना के रोजगार सहायक अजय प्रताप रघुवंशी और सचिव हरिमोहन श्रीवास्तव को नाबालिग से मनरेगा में मजदूरी कराने और पकड़े जाने के डर से फर्जी मार्कशीट बनाने के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है। इन दोनों पर एक नाबालिग लड़की की फर्जी मार्कशीट बनवाकर मनरेगा में मजदूरी कराने और निर्माण सामग्री का पैसा मनरेगा में ही मजदूरी करने वालों के खातों में डालकर हड़पने का आरोप था।
पकड़े जाने के डर से फर्जी मार्कशीट बनवाई
मामले के अनुसार ग्राम पंचायत मगराना के सचिव हरिमोहन श्रीवास्तव और रोजगार सहायक अजय प्रताप रघुवंशी ने अपनी ग्राम पंचायत में एक नाबालिग के नाम से काम कराया था। जब यह मामला सामने आया तो एक फर्जी मार्कशीट तैयार कराई। मार्कशीट की शहरी तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा की जांच में मार्कशीट फर्जी पाई गई। ऐसे ही इन दोनों ने मनरेगा में मजदूरी का काम करने वाले पवन रघुवंशी के खाते में निर्माण सामग्री का 5 लाख 60 हजार, प्रदीप रघुवंशी के खाते में 23 लाख 19 हजार और सतीश रघुवंशी के खाते में 14 लाख 89 हजार रुपए डाले थे। इस तरह की गंभीर आर्थिक अनियमितताएं इन्होंने की थीं।
जांच के बाद हुई सख्त कार्रवाई
पूरे मामले की जांच जिला पंचायत के सीईओ विवेक रघुवंशी के निर्देशानुसार की गई। जिसकी रिपोर्ट पर जिला पंचायत के सीईओ ने कार्रवाई करते हुए बमौरी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मगराना के रोजगार सहायक अजय प्रताप रघुवंशी और सचिव हरिमोहन श्रीवास्तव को बर्खास्त कर दिया गया।