Jabalpur. मध्यप्रदेश में अगर किसी तरह की प्राकृतिक आपदा नहीं आई तो बिजली को लेकर परेशानी नहीं आएगी। प्रदेश में कोयले को लेकर कोई संकट नहीं है। आधा-एक घंटे की बिजली जाने को संकट नहीं कहते हैं। ये बात ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने जबलपुर में बिजली पर मंथन कार्यक्रम के दौरान कही।
लोड शेडिंग पर बयान
लोड शेडिंग के सवाल पर मंत्री तोमर ने कहा कि जिस दिन बिजली का प्राकृतिक उत्पादन ठीक रहता है, उस दिन कोई अंतर नहीं आता। लेकिन जिस दिन यदि इससे बिजली नहीं मिलती तो 500 से 1 हजार मेगावाट बिजली में अंतर आता है और आधा-एक घंटे बिजली बंद होती है। इसे संकट नहीं कहते हैं।
कोयले का पर्याप्त स्टॉक
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ढाई से तीन लाख मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक है। 20 लाख से अधिक मीट्रिक टन कोयला का सड़क मार्ग से आने टेंडर किया गया है। साढ़े सात लाख मीट्रिक टन कोयला विदेश से मंगाने के लिए भी टेंडर किया है।
अमरकंटक में 660 मेगावाट प्लांट
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अमरकंटक में 660 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। साथ ही इसको लेकर कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। जल्द ही अमरकंटक में प्लांट लगाए जाएगा।
12 हजार मेगावाट की है मांग
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली उत्पादन की हमारी क्षमता 21 हजार 450 मेगावाट है। जिसमें 19 हजार मेगावाट बिजली मिलती है। इसमें से 3200 मेगावाट जल विद्युत इकाई, 2700 पवन ऊर्जा से 1600 मेगावाट सौर ऊर्जा से मिलती है। इस तरह 7500 मेगावाट बिजली प्राकृतिक संसाधन से मिलती है। जबकि हमारी मांग 12 हजार मेगावाट से अधिक है।