Gwalior: ऊर्जा मंत्री केन्द्रीय मंत्री संग दिल्ली रवाना,राजनैतिक हलचल बढ़ी

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Dev Shrimali
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Gwalior: ऊर्जा मंत्री केन्द्रीय मंत्री संग दिल्ली रवाना,राजनैतिक हलचल बढ़ी



देव श्रीमाली



GWALIOR.
मेयर पद को लेकर बीजेपी में फंसा काँटा निकलने का नाम नहीं ले रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया (JYOTIRDITY SCINDIA)  और बीजेपी  के क्षत्रपों के बीच द्वंद जारी है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD SHRARMA) कॉल करके ग्वालियर के सभी बड़े नेताओं से इस मसले का हल खोजने के असफल प्रयास करते रहे और मुख्यमंत्री प्रदेश के नेताओं की राय और टिकिट को लेकर उत्पन्न हुई परिस्थितियों को बताने दिल्ली गए और गृहमंत्री अमित शाह (HOME MINISTER AMIT SHAH) से मिले। जबकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर आज आज अचानक केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (NARENDRA SINGH TOMAR) के घर पहुंचे। पहले दोनों ने गुफ्तगू की और फिर नरेंद्र सिंह और प्रद्युम्न सिंह एक साथ एक ही गाडी से सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इसे मेयर के टिकिट को लेकर चल रहे गतिरोध से जोड़कर देखा जा रहा है।







तोमर के बंगले पर लगा समर्थको का मेला





कृषि मंत्री  कल शाम अचानक भोपाल से ग्वालियर आ गए थे। कल उनका जन्मदिन (BIRTH DAY) भी था। आज सुबह से ही उनके रेसकोर्स रोड स्थित बंगले पर संभाग भर से आये दावेदारों की भीड़ लगी थी। उन्होंने सभी की बात सुनी लेकिन बोले कुछ नहीं। मीडिया में खबर आ रही है की ग्वालियर के मेयर के टिकिट को लेकर भाजपा बनाम सिंधिया पेच फंसा है। खबर आयी थी कि भोपाल में आयोजित कोर कमेटी के बैठक में एक बार जब सिंधिया पहुंचे तो जयभान सिंह पवैया उठाकर यह कहते हुए बाहर चले गए कि उन्हें लखनऊ जाना है और जब फिर मीटिंग शुरू हुई और उसमे सिंधिया पहुंचे तो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उठकर बाहर  चले गए।





प्रद्युम्न क्यों पहुंचे





सूत्रों का मानना है कि भोपाल के घटनाक्रम के चलते ही आज सुबह सिंधिया समर्थक प्रधुम्न सिंह गतिरोध ख़त्म करने के लिए नरेंद्र सिंह के बंगले गए। दोनों के बीच बातचीत हुई और अप्रत्याशित रूप से दोनों एक ही गाडी में बैठकर दिल्ली रवाना हो गए। माना जा रहा है कि सिंधिया और तोमर की आज शाम  दिल्ली में बैठक हो सकती है और देर रात मेयर प्रत्याशी के नाम का ऐलान हो सकता है।





कौन है प्रबल दावेदार





बीजेपी में इस समय सबसे मजबूत नाम श्रीमती सुमन शर्मा का है। वे भाजपा और महिला मोर्चा में अनेक पदों पर रह चुकीं है। उनके ससुर और पति  भी भाजपा के सक्रिय नेता थे  शेजवलकर,पवैया और अनूप मिश्रा उनके नाम को आगे बढ़ा सकते है। बीजेपी जिन नामो पर विचार कर रही है उनमे एक नाम डॉ वीरा लोहिया का है। वीरा एक बार नगर निगम में पार्षद भी रह चुकीं हैं। उनके पति डॉ श्रीप्रकाश लोहिया संघ से जुड़े हैं और लोहिया परिवार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा का ख़ास माना जाता है।  यह दम्पत्ति एक निजी हॉस्पीटल भी चलाता है। इनके अलावा एक नाम श्रीमती माया सिंह का है बीजेपी में जिले से लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के अनेक पदों पर रही माया सिंह(MAYA SINGH ) राज्य सभा की सदस्य रही और शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रह चुकीं हैं। उनके पति ध्यानेन्द्र सिंह भी मंत्री रह चुके हैं। वे स्व  माधव राव सिंधिया की मामी है और  केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी। 2018 में मंत्री होते हुए भी बीजेपी ने उनका टिकिट काट दिया था तबसे वे घर बैठी है और मेयर पद की दावेदार हैं। 





 पार्टी गाइडलाइन बन सकती है बाधा





वैसे तो महापौर पद के लिए माया सिंह भी प्रबल दावेदारों में शामिल है पर उनके समय पार्टी गाइड लाइन बढ़ी बाधा बन सकती है ,क्योंकि पार्टी गाइड लाइन के अनुसार 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को टिकिट नहीं देगी जबकि माया सिंह ये सीमा पार कर चुकीं हैं। भाजपा नेता चाहते है कि ग्वालियर जैसे अपनी परम्परागत सीट पर किसी ख़ालिश सिंधिया समर्थक को टिकिट न दिया जाए। अगर सिंधिया कोई नाम आगे बढ़ाते हैं और दिल्ली से दबाव डलवाते हैं तो भाजपा नेता माया सिंह का नाम आगे बढ़ा सकते है ताकि भाजपा के खाते में ही टिकिट भी रहे और माया सिंह का नाम होने से सिंधिया उनका विरोध भी नहीं कर पाएंगे। इधर आज नरेंद्र सिंह तोमर के ख़ास राकेश जादौन ने अपनी पत्नी को टिकिट देने की मांग आगे बढ़ा दी तो वही किंसान मोर्चा के प्रमुख नेता अशोक पटसारिया ने अपनी पत्नी की दावेदारी बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पेश की।







तोमर ने कहा सब तय हो गया बस घोषणा होनी है







तमाम अटकलों और मीडिया रिपोर्ट्स के बावजूद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसी तरह की विवाद की बात को गलत  बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी टिकिट की दॄष्टि से पूरी चर्चा कर चुकी है। योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश के नेतृत्व महापौर के टिकिट की भी  घोषणा करेगा और पार्षद के टिकिट की भी घोषणा करेगा। जब उनसे पूछा कि चर्चा है कि गतिरोध खत्म करने को लेकर दिल्ली में मीटिंग हो रही है तो तोमर ने कहा कि नगर निगम चुनाव को लेकर दिल्ली में कोई मीटिंग नहीं है। किसी को कोई गलतफहमी नहीं होना चाहिए। मैं दिल्ली जा रहा हूँ क्योंकि मैं  यहाँ हूँ इसलिए मुझे दिल्ली जाना ही होगा। सिंधिया जी भी दिल्ली में हैं।  मुख्यमंत्री जी की चर्चा गृहमंत्री जी से है कोई शासकीय विषय को लेकर। उन्होंने कहाकि सारे टिकिट फाइनल है और कोई पेह नहीं फंसा है। कोई ग़लतफ़हमी नहीं होनी चाहिए।  पति के कार्यकर्ता है और जो पार्टी के कार्यकर्ता होंगे उन्हें टिकिट दिया जाएगा। किसी में कोई मतभेद नहीं हैं सब इकट्ठा हैं।



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